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मारुति 800 को भूले तो नहीं, जानिए किसने खरीदी थी पहली कार, सारी जिंदगी चलाई किसी को नहीं बेची

मारुति 800 की बुकिंग 9 अप्रैल 1983 को शुरू हुई थी और 8 जून तक यानी दो महीनों में ही करीब 1.35 लाख कारें बुक हो गई थीं. जानिए इसे खरीदने वाले पहले शख्स की कहानी.

मारुति 800 को भूले तो नहीं, जानिए किसने खरीदी थी पहली कार, सारी जिंदगी चलाई किसी को नहीं बेची

Saturday August 06, 2022 , 4 min Read

Maruti Suzuki की कारों के लिए लोगों का क्रेज कितना रहता है, ये बताने की जरूरत नहीं है. हाल ही में मारुति ने सनरूफ वाली अपनी पहली कार लॉन्च की है New Brezza, जिस पर लोग टूट पड़े हैं. करीब डेढ़ महीने में ही इस कार की 75 हजार से भी अधिक कारों की बुकिंग हो चुकी है. जब तेजी से कार बुकिंग की बात होती है तो मारुति 800 की याद जरूर आती है. मारुति 800 की बुकिंग 9 अप्रैल 1983 को शुरू हुई थी और 8 जून तक यानी दो महीनों में ही करीब 1.35 लाख कारें बुक हो गई थीं. आइए आज आपके ले चलते हैं मारुति 800 के दौर में (Maruti 800 Journey) और साथ ही बताते हैं मारुति के पहले ग्राहक हरपाल सिंह के बारे में, जिन्होंने पूरी जिंदगी मारुति 800 ही चलाई.

संजय गांधी ने देखा था सस्ती कार का सपना

मारुति 800 की कहानी की शुरुआत होती है 1980 से, जब भारत में उदारीकरण शुरू हुआ और संजय गांधी ने लोगों के लिए सस्ती कार लाने का सपना देखा. जून 1980 में ही एक प्लेन क्रैश में संजय गांधी की मौत हो गई, लेकिन उनके सपने को पूरा करने वाली मारुति उद्योग लिमिटेड कंपनी की शुरुआत हुई. कंपनी ने अपनी पहली कार मारुति 800 की बुकिंग 9 अप्रैल 1983 से शुरू की, जिसकी कीमत सिर्फ 52,500 रुपये रखी गई. इसकी कीमत तो कम थी ही, साथ ही इसे चलाना आसान था और माइलेज शानदार था. संजय गांधी के सपनों की इस कार की डिलीवरी 1983 में उनके जन्मदिन पर यानी 14 दिसंबर को ही शुरू की थी. खुद इंदिरा गांधी ने ही पहले 10 लोगों को कार की चाबी दी थी.

हरपाल सिंह थे पहले ग्राहक

सबसे पहली कार खरीदी थी इंडियन एयरलाइंस के कर्मचारी हरपाल सिंह ने, जिनकी पीएम से चाबी लेते हुए तस्वीर पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हिस्सा बन गई. इससे पहले चंद ही लोग जानते थे हरपाल सिंह को, लेकिन मारुति 800 की चाबी लेने के बाद हरपाल सिंह को दुनिया जान गई. उस कार के साथ ही उसकी नंबर प्लेट भी खूब फेमस हुई, जो थी- DIA 6479. मारुति 800 के लिए हरपाल सिंह की दीवानगी कितनी अधिक थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मारुति की कार के लिए उन्होंने अपनी फिएट कार भी बेच दी. इसके बाद वह पूरी जिंदगी मारुति 800 ही चलाते रहे, जब तक 2010 में उनकी मौत नहीं हो गई. हरपाल सिंह उस कार को भगवान की कृपा मानते थे.

वायरल हुईं तस्वीरें तो रीस्टोर की गई कार

हरपाल सिंह की मौत के बाद उनकी कार को कोई नहीं चला रहा था. वह ग्रीन पार्क में उनके घर के पास खड़ी जंक खा रही थी. इसी बीच उनकी कार की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो गईं. उसके बाद मारुति इस कार को अपने साथ सर्विस सेंटर ले गई और उसके अंदर-बाहर से रीस्टोर किया. इस कार को बहुत सारे लोगों ने खरीदने की भी इच्छा जताई, लेकिन हरपाल सिंह के परिवार ने इसे किसी को भी बेचने से मना कर दिया.

maruti 800 first car

31 साल तक छाई रही मारुति 800

आज के वक्त में मारुति सुजुकी देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी है. मारुति 800 लोगों को इतनी पंसद आई कि वह करीब 31 सालों तक लोगों के दिलों पर राज करती रही. 2014 में मारुति 800 को बनाना बंद किया गया. फिर भी करीब 31 सालों में कंपनी ने मारुति की लगभग 27 लाख कारें बेचीं. सन 2000 में मारुति 800 की सबसे अधिक कारें बिकी थीं. इसी दौरान कंपनी की तरफ से बाजार में अल्टो 800 उतारी गई और उसे भी लोगों ने खूब पंसद किया. इसी वजह से बहुत से ग्राहक उसकी ओर खिंच गए और मारुति 800 की गाड़ियां बिकना कम हो गईं.