Moonlighting: एक साथ एक से ज्यादा कंपनियों में काम करने पर क्या है Wipro और TCS जैसी कंपनियों की सोच?
220 अरब डॉलर से अधिक की देश की सूचना प्रोद्योगिकी (IT) इंडस्ट्री को ‘Moonlighting’ पॉलिसी पसंद नहीं आ रही है. ऐसे में 'Moonlighting' के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने वाली इंफॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी (IT) कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
इस साल अगस्त में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म
ने देश में पहली बार कर्मचारियों के लिए ‘Moonlighting’ की पॉलिसी लेकर आई. यह भारतीय इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा बदलाव है. बता दें कि, कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कमाई के लिए स्वतंत्र कोई अन्य काम भी करता है तो उसे ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है.हालांकि, 220 अरब डॉलर से अधिक की देश की सूचना प्रोद्योगिकी (IT) इंडस्ट्री को ‘Moonlighting’ पॉलिसी पसंद नहीं आ रही है. ऐसे में 'Moonlighting' के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने वाली इंफॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी (IT) कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है.
द्वारा 300 कर्मचारियों को निकाले जाने और द्वारा सालभर में कई कर्मचारियों को निकाले जाने की घोषणा के बाद IT इंडस्ट्री की कई अन्य दिग्गज कंपनियां इसे गलत तो बता रही हैं लेकिन वे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई को सही नहीं मानती हैं. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि ‘Moonlighting’ को लेकर कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने को लेकर IT इंडस्ट्री की राय बंटी हुई है.
TCS कर्मचारियों को निकालने के खिलाफ
की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ( टीसीएस) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) एन. गणपति सुब्रमण्यम ने सोमवार को कहा कि ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर कार्रवाई करने का नतीजा यह होगा कि कर्मचारी का करियर खत्म हो जाएगा. इस तरह कर्मचारी भविष्य में अगली नौकरी के लिए बैकग्राउंड की जांच में विफल हो जाएगा. इसलिए हमें कुछ सहानुभूति दिखानी होगी.
‘सुब्रमण्यम ने कहा कि मूनलाइटिंग पर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कंपनी को कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई सर्विस कॉन्ट्रैक्ट का एक हिस्सा है लेकिन युवा कर्मचारियों को इसे रोकना होगा. उन्होंने कहा कि कंपनी एक कर्मचारी को परिवार का हिस्सा होने की तरह देखती है और किसी भी कार्रवाई के परिणामों को देखते हुए परिवार के सदस्य को भटकने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
टीसीएस के सीओओ ने कहा कि कुछ आईटी कंपनियां ऐसे मॉडल पर काम करती हैं जहां कर्मचारियों का ‘फ्रीलांसिंग’ करना ठीक है. लेकिन टीसीएस जैसी कंपनियां मूनलाइटिंग जैसी गतिविधि को जारी नहीं रहने दे सकती क्योंकि कस्टमर्स का डेटा सुरक्षित रहना चाहिए.
कुछ दिन पहले ही 6.16 लाख से अधिक कर्मचारियों वाली TCS ने कहा था कि उसने अपने किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
300 कर्मचारियों को निकालने के बाद Wipro ने नरम किया रुख
बीते 21 सितंबर को विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने एक ही समय में विप्रो के अलावा कंपनी के एक कॉम्पिटीटर के साथ करने वाले अपने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की जानकारी दी थी. प्रेमजी ने जोर देकर कहा था कि वह मूनलाइटिंग के बारे में अपनी हालिया टिप्पणियों पर कायम हैं, जो अपने सबसे गहरे रूप में ईमानदारी का पूर्ण उल्लंघन है.
हालांकि, Tata Group की कंपनी TCS द्वारा Moonlighting को गलत बताने के बावजूद कर्मचारियों को निकालने से इनकार करने बाद Wipro Ltd ने भी अपना रुख नरम कर लिया है.
विप्रो के सीईओ डेलापोर्टे ने बुधवार को कहा कि विप्रो के साथ काम करते हुए कोई दूसरा छोटा काम पकड़ना ठीक है. लेकिन अगर आप किसी ऐसी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं जो हमारे कारोबार में हैं, तो बात अलग है. प्रतिद्वंदी कंपनी के लिए काम करना भी हितों का टकराव है. मूनलाइटिंग वैधता का नहीं, बल्कि नैतिकता का सवाल है. हम नहीं मानते कि हितों के टकराव वाले दो काम करना सही है.
Infosys ने की सख्ती, कर्मचारियों को चेतावनी दी
इन्फोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने बृहस्पतिवार को कहा कि कंपनी एक साथ दो नौकरी करने का समर्थन नहीं करती है. पारेख ने कहा कि हम नौकरी के साथ दूसरा काम करने का समर्थन नहीं करते...पूर्व में जो कर्मचारी दो काम करते पाये गये और जहां गोपनीयता का मुद्दा था, हमने वहां कार्रवाई की.
इस महीने की शुरुआत में इन्फोसिस ने अपने कर्मचारियों को एक संदेश भेजा था, जिसमें कहा गया था कि दोहरे रोजगार या मूनलाइटिंग की अनुमति नहीं है. साथ ही चेतावनी दी कि कॉन्ट्रैक्ट के किसी भी तरह के उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिससे रोजगार की समाप्ति भी हो सकती है.
HCL के लिए बड़ा मुद्दा नहीं
एचसीएल टेक्नोलॉजीज
ने ‘मूनलाइटिंग’ को लेकर कहा है कि वह एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है और यह कंपनी के भीतर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. कंपनी के चीफ पीपल ऑफिसर (सीपीओ) रामचंद्रन सुंदरराजन ने कहा, ‘‘एचसीएल के साथ काम करते हुए हम अन्य जगह भी काम करने का समर्थन नहीं करते हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘एचसीएल टेक के लिए काम करने वाला हर व्यक्ति रोजगार अनुबंध पर हस्ताक्षर करता है. इसके लिए विशिष्टता की आवश्यकता होती है. हम अपने कर्मचारियों से अनुबंध में मौजूद प्रावधानों की प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने की अपेक्षा करते हैं. सौभाग्य से मूनलाइटिंग एचसीएल टेक्नोलॉजीज के भीतर एक बड़ी समस्या के रूप में सामने नहीं आया है.
केंद्रीय IT मंत्री ने कर्मचारियों का किया है सपोर्ट
मूनलाइटिंग के मुद्दे पर संबोधित करते हुए पिछले महीने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा था कि वे दिन लद गए जब कर्मचारियों ने बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ करार किया और नौकरी में ही अपना जीवन बिता दिया.
उन्होंने कहा था कि आज के युवाओं में आत्मविश्वास की भावना है और वे अपने कौशल की अधिक से अधिक कीमत हासिल करना चाहते हैं. इस प्रकार अपने कर्मचारियों पर बंदिशें लगाने की कंपनियों की कोशिशें जिससे वह अपने स्टार्टअप पर काम न कर सकें, उनका असफल होना तय है.”
मूनलाइटिंग को भविष्य बताते हुए उन्होंने कहा था कि कोई भी कैप्टिव मॉडल यानी बंदिशें लगाने वाला मॉडल फीका पड़ जाएगा. नियोक्ता अपनी सेवा के दौरान कर्मचारियों से उद्यमशील होने की उम्मीद करते हैं. इसी बात को उनके ऊपर भी लागू किया किया जा सकता है. एक ऐसा समय आएगा जहां उत्पाद निर्माताओं का एक वर्ग होगा जो अपना समय कई परियोजनाओं पर लगाएगा. ऐसी ही वकील या सलाहकार करते हैं. काम का यही भविष्य है.
मूनलाइटिंग पर कानून क्या कहता है?
अधिकतर पारंपरिक कंपनियां कमर्शियल टर्म्स पर बाहरी काम करने की इजाजत नहीं देती हैं. एचआर प्रोफेशनल्स और लीगल एक्सपर्ट्स का मानना है कि मूनलाइटिंग करते पाए जाने पर कोर्ट्स ने कंपनियों को कर्मचारी को टर्मिनेट करने की मंजूरी दी है.
फैक्टरीज एक्ट के तहत दोहरी नौकरी करने पर पाबंदी है लेकिन कई राज्यों की आईटी कंपनियों पर यह कानून लागू नहीं होता है. कई कंपनियों का मानना है कि दूसरी जॉब और पार्ट टाइम जॉब में अंतर करना जरूरी होता है.