अब बैंकों का 4100 करोड़ रुपये का कर्ज समय से पहले चुकाएंगे अडानी, क्या निवेशकों का भरोसा जीतने में होंगे कामयाब?
पिछले साल होल्सिम लिमिटेड (Holcim Ltd.) के सीमेंट असेट्स खरीदने के लिए बर्कलेज Barclays, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और Deutsche Bank सहित कुछ अन्य बैंकों और कर्जदाताओं ने ग्रुप को करीब 4 खरब रुपये (4.5 अरब डॉलर) का कर्ज दिया था.
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenberg Research) की रिपोर्ट आने के बाद शेयरों की बिकवाली को देखते हुए अरबपति कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) का अडानी ग्रुप
निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश में लगा हुआ है. इसके लिए ग्रुप जल्द से जल्द अपने कर्ज को कम करने में लगा हुआ है.यही कारण है कि प्रमोटर कर्जदाताओं और बैंकों के पास गिरवी रखे शेयरों को समयपूर्व छुड़ाने के लिए करीब 9200 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने की घोषणा के बाद अडानी ग्रुप ने बैंकों के समूह का 4100 करोड़ रुपये (50 करोड़ डॉलर) से अधिक का कर्ज समयपूर्व चुकाने की घोषणा की है. हालांकि, यह कर्ज चुकाने के लिए अडानी ग्रुप के पास अगले महीने यानि 9 मार्च तक का समय है. ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.
दरअसल, पिछले साल होल्सिम लिमिटेड (Holcim Ltd.) के सीमेंट असेट्स खरीदने के लिए बर्कलेज
, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और सहित कुछ अन्य बैंकों और कर्जदाताओं ने ग्रुप को करीब 4 खरब रुपये (4.5 अरब डॉलर) का कर्ज दिया था.अडानी ग्रुप के एक प्रवक्ता ने बताया कि पहले तो ग्रुप बैंकों से कर्ज के एक हिस्से को रिफाइनेंस करने के लिए बातचीत कर रहा था लेकिन बाद में उसने समय से पहले कर्ज चुकाने का फैसला किया. हालांकि, प्रवक्ता ने कहा कि बैंकों के साथ बातचीत अभी जारी है.
इससे पहले सोमवार को अडानी ग्रुप ने कहा था कि उसने करीब 9200 करोड़ रुपये (111.4 करोड़ डॉलर) के कर्ज का समय-पूर्व भुगतान करने का फैसला किया है. हालांकि, इस उसके पास इस कर्ज को चुकाने के लिए सितंबर 2024 तक का समय था.
इन कर्जदाताओं के पास अडानी ग्रुप की तीन कंपनियों अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स (Adani Ports and SEZ), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) के 20 करोड़ से अधिक शेयर गिरवी रखे हैं.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद बढ़ा संकट
बता दें कि, कभी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स रहे अडानी का बुरा दौर तब शुरू हो गया जब अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के खिलाफ कथित धोखाधड़ी और शेयरों में गड़बड़ी का आरोप लगाया.
बीते 24 जनवरी को अमेरिकी अमेरिकी रिसर्च फर्म और शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने ‘अडानी ग्रुपः हाउ द वर्ल्ड थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लारजेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट हिस्ट्री' नामक रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी परिवार द्वारा टैक्स हैवन देशों में नियंत्रित की जा रही ऑफशोर कंपनियों के माध्यम से भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी को अंजाम दिया जा रहा है. इसके साथ ही, ये शेल कंपनियां अडानी ग्रुप के शेयर के दाम बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं.
हालांकि, अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला’’ बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं’’ हैं.
रिपोर्ट के सामने आने के बाद एक समय ऐसा आया कि अडानी टोटल गैस, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पोर्ट्स सहित अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिर गए और बिकवाली में इन 10 कंपनियों के शेयर की मार्केट वैल्यू 96 खरब रुपये (117 अरब डॉलर) से अधिक तक गिर गए.
गुरुवार को सभी 10 कंपनियों में गिरावट
इस बीच, अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों ने दो दिन की रिकवरी के बाद 9 फरवरी को गिरावट के साथ कारोबारी दिन की शुरुआत की. अडानी समूह के सभी 10 शेयरों में गिरावट हुई है. इसमें ग्रुप की अग्रणी कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को 15 प्रतिशत तक की भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है. जबकि पिछले दो दिनों में इसमें 35 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी.
ऐसा माना जा रहा है कि पब्लिक मार्केट्स में कारोबार के लिए आसानी से उपलब्ध अडानी समूह से जुड़े शेयरों की संख्या के बारे में मॉर्गन स्टैनली कैपिटल इंटरनेशन (MSCI) की समीक्षा की घोषणा से गिरावट आई है.
इससे पहले बुधवार को अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के शेयर बुधवार को लाभ के साथ बंद हुए थे, जिनमें समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज करीब 20 प्रतिशत की बढ़त पर रही थी.
Edited by Vishal Jaiswal