भारत बना स्टार्टअप फैक्ट्री, पीयूष गोयल ने बताया रोज रजिस्टर हो रहे कितने स्टार्टअप
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने घोषणा की कि भारत ने एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है, जिसके मद्देनजर देश में 75 हजार से अधिक स्टार्टअप्स (75000 startups in india) को मान्य किया गया है. उन्होंने कहा कि यह संख्या परिकल्पना-शक्ति को साबित करती है; एक ऐसी परिकल्पना, जो इनोवेशन (Innovation) और उद्यमिता आधारित विकास (enterprise drive growth) के बारे में हो.
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने 75 हजार से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता प्रदान की है, जो आजादी के 75 वर्ष होने के क्रम में मील का पत्थर है. भारत जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इसी दौरान इनोवेशन, उत्साह और उद्यमी भावना भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम (indian startup ecosystem) को लगातार गति प्रदान कर रही है.
याद रहे कि 15 अगस्त, 2015 को लाल किले (Red Fort) से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra MOdi) ने अपने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) वक्तव्य के दौरान एक नये भारत की परिकल्पना की थी, जो देशवासियों की उद्यमशील क्षमता को उजागर करेगा. इसके अगले वर्ष 16 जनवरी को, जिसे अब राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस (National Startup Day) के रूप में घोषित कर दिया गया है, उस दिन देश में स्टार्टअप और इनोवेशन को फंड करने के लिये एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने की कार्य-योजना शुरू की गई थी.
इन छह वर्षों के दौरान, उस कार्य-योजना से भारत को तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बनाने में सफल दिशा-संकेत मिले.
यह भी दिलचस्प बात है कि जहां 10 हजार स्टार्टअप्स को 808 दिनों में मान्यता मिली, वहीं अब 10 हजार स्टार्टअप्स की मान्यता 156 दिनों में ही कर दी गई. इस हिसाब से प्रतिदिन 80 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी जा रही है – यह दर विश्व में सर्वाधिक है. इससे पता चलता है कि स्टार्टअप संस्कृति का भविष्य संभावनाओं से भरपूर और उत्साहवर्धक है.
स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम (Startup India Progr), जिसे प्रमुख रूप से स्टार्टअप के लिये सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराने के लिये शुरू किया गया था, वह आज स्टार्टअप्स के लिये लॉन्च-पैड के रूप में तैयार हो गया है. फंडिंग से लेकर आकर्षक टैक्सेशन तक, IPR को समर्थन से लेकर सरल सावर्जनिक खरीद तक, सुगमता के लिये नियमों में सुधार करने से लेकर अंतर्राष्ट्रीय उत्सवों और कार्यक्रमों तक, स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम सतत आर्थिक विकास का पर्याय बन गया है.
कुल मान्यता-प्राप्त स्टार्टअप्स में से लगभग 12 प्रतिशत आईटी सेवाओं की, नौ प्रतिशत स्वास्थ्य-सुविधा और जीव विज्ञान की, सात प्रतिशत शिक्षा की, पांच प्रतिशत व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाओं की और पांच प्रतिशत कृषि की जरूरतों से सम्बंधित हैं. भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने 7.46 लाख रोजगार पैदा किये हैं, और इसमें गत 6 वर्षों में सालाना 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वास्तव में, हमारे कुल स्टार्टअप्स में से 49 प्रतिशत टीयर-2 और टीयर-3 शहरों से हैं, जो हमारे देश के युवाओं की जबरदस्त क्षमता का परिचायक है.
YourStory Research के मुताबिक़ भारत की 100 यूनिकॉर्न कंपनियों ने 25 लाख नौकरियाँ अनुबंध पर काम कर रहे और अनुषंगी सर्विस प्रोवाइडर्स को दी हैं और 3 लाख 40 हज़ार नौकरियाँ फ़ुल-टाईम काम कर रहे लोगों को दी हैं. यानि कुल 28 लाख चालीस हजार लोगों को रोज़गार मिला है.
कुल रोज़गार का 90.5% यानि 25 लाख 80 हजार नौकरियाँ टॉप 10 यूनिकॉर्न कंपनियों ने प्रदान की हैं.
12 हजार कर्मचारियों और 15 लाख ड्राइवर्स के साथ
अकेले ही 53% रोज़गार के लिए ज़िम्मेवार है. 4,259 कर्मचारियों और 3.5 लाख डिलीवरी पार्टनर्स के साथ दूसरे नम्बर हैं. (7.85%), (7.19%), और (3.10%) इसके बाद तीसरे, चौथे और पाँचवे नम्बर पर हैं. ये आंकड़े बीती 18 मई तक के हैं.यूनिकॉर्न कंपनियों की यह तेज रफ़्तार ग्रोथ भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मज़बूत करेगी और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने में सहयोग करेगी.