पीएम मोदी ने लॉन्च किया भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज, जानिए आपके गहनों पर होगा कोई असर?
भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज लॉन्च हो चुका है, जानिए इससे किसे होगा फायदा और आम जनता पर कोई असर पड़ेगा या नहीं.
पीएम मोदी ने आज 29 जुलाई को भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज का उद्घाटन कर दिया है. इस एक्सचेंज का उद्घाटन गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी में किया गया है. अभी तो यहां सिर्फ गोल्ड की ट्रेडिंग होगी, लेकिन आने वाले दिनों में यहां चांदी की ट्रेडिंग भी होगी. जब भी बात एक्सचेंज की आती है तो सबसे पहले मन में स्टॉक एक्सचेंज या यूं कहें कि शेयर बाजार की तस्वीर उभरती है. सवाल यह भी उठता है कि इससे किसे क्या फायदा होगा? क्या आम आदमी को इससे कोई फायदा होगा? क्या आपके घर में रखे सोने पर भी इसका कोई असर होगा?
इस बुलियन एक्सचेंज से क्या बदलेगा?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार इस गोल्ड एक्सचेंज से सोने का आयात करने वालों को फायदा होगा. अभी तक सिर्फ कुछ बैंक और केंद्रीय बैंकों की तरफ से मंजूर की गई नॉमिनेटेड एजेंसियो को ही गोल्ड को सीधे आयात करने की मंजूरी है. इस बुलियन एक्सचेंज की मदद से क्वालिफाइड ज्वैलर्स सीधे इसका आयात कर सकेंगे. अच्छी बात ये है कि इस पर जो भी कारोबार होगा, उस पर कोई स्थानीय ड्यूटी नहीं लगेगी. हालांकि, यह छूट सिर्फ तभी मिलेगा, जब इसे शहर से बाहर नहीं ले जाया जाता है.
आम जनता के सोने पर क्या होगा असर?
भारत में सोना खरीदना बहुत ही शुभ होता है. ऐसे में शायद ही कोई घर हो, जिसमें थोड़ा बहुत सोना ना हो. अनुमान है कि भारत में लोगों के पास उनके घरों में करीब 22 हजार टन सोना पड़ा हुआ है. बता दें कि रिजर्व बैंक के भंडार में भी सिर्फ 760 टन सोना ही है. ऐसे में एक सवाल ये उठता है कि नए बुलियन एक्सचेंज का उनके सोने पर क्या असर होगा. अजय केडिया कहते हैं कि इसका आम जनता के सोने पर कोई असर नहीं होगा.
सोने के दाम पहुंच गए हैं 3 हफ्ते के टॉप पर
अगर बात करें सोने की कीमतों की तो वह करीब 3 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर हैं. इसमें अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर धीरे-धीरे बढ़ाने के संकेतों का अहम योगदान है. एमसीएक्स पर 28 जुलाई तक सोना 51,530 रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है.
भारत में 43% बढ़ी सोने की मांग, दुनिया में 8% घटी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council - WGC) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अप्रैल-जून तिमाही में सोने की मांग सालाना आधार पर 43 फीसदी अधिक रही. WGC की रिपोर्ट में बताया गया कि अप्रैल से जून के दौरान भारत में सोने की मांग 170.7 टन रही जो 2021 की समान अवधि की मांग 119.6 टन से 43 फीसदी अधिक है. सोने के गहनों की मांग 49 फीसदी बढ़कर 140.3 टन रही. वहीं दूसरी ओर अगर ग्लोबल लेवल पर देखें तो सोने की मांग 8 फीसदी घटी है. 2021 में इसी अवधि में ग्लोबल लेवल पर 1031.8 टन सोने की मांग थी, जो इस बार घटकर 948.4 टन रह गई है.
अभी और बढ़ेगी मांग, महंगा होगा सोना
सोने की कीमतों में तेजी का साफ मतलब है कि रिटेल खरीदारी बढ़ रही है, क्योंकि जुलाई में ही सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई थी, ताकि सोने की कीमतों को काबू किया जा सके. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में सोने की दामों में तेजी देखने को मिल सकती है? आने वाले दिनों में राखी और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार होंगे, जिनके चलते सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है.