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कपड़ा बिजनेस में बिजली की हुई दिक्कत तो हवा से लेने लगे पावर, बन गए 'विंड मैन ऑफ इंडिया'

तांती ने 1995 में उस वक्त रिन्युएबल एनर्जी उद्योग में अवसर को भांपा, जब वैश्विक पवन ऊर्जा बाजार में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का वर्चस्व था.

कपड़ा बिजनेस में बिजली की हुई दिक्कत तो हवा से लेने लगे पावर, बन गए 'विंड मैन ऑफ इंडिया'

Monday October 03, 2022 , 4 min Read

रिन्युएबल एनर्जी क्षेत्र की कंपनी सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के संस्थापक चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तुलसी तांती (Tulsi Tanti) इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं. शनिवार को हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. वह 64 वर्ष के थे. तांती को 'विंड मैन ऑफ इंडिया' (Wind Man of India) के नाम से भी जाना जाता है. 2 फरवरी 1958 को गुजरात के राजकोट में जन्मे तांती, शनिवार शाम को अहमदाबाद से पुणे जा रहे थे और उसी दौरान उनकी हृदय गति रुक गई. उनके परिवार में पत्नी गीता, बेटी निधि और बेटा प्रणव हैं.

तांती, भारत में पवन ऊर्जा व्यवसाय के पथ प्रदशर्कों में से एक और स्वच्छ ऊर्जा पर विश्व स्तर पर प्रसिद्ध विशेषज्ञ के तौर पर जाने जाते थे. तांती ने 1995 में उस वक्त रिन्युएबल एनर्जी उद्योग में अवसर को भांपा, जब वैश्विक पवन ऊर्जा बाजार में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का वर्चस्व था. अपनी इसी दूरदर्शिता के चलते वह विश्व स्तर पर एक अमिट छाप छोड़ने में कामयाब रहे.

टेक्सटाइल बिजनेस से शुरुआत और बिजली की दिक्कत

तुलसी तांती प्रोफेशन से इंजीनियर थे. वह मूल रूप से एक छोटी टेक्सटाइल कंपनी के मालिक व मैनेजर थे. 1995 में तुलसी तांती, 10 इंप्लॉइज वाली टेक्सटाइल कंपनी को मैनेज कर रहे थे. स्थानीय स्तर पर बिजली की अनिश्चित उपलब्धता और इसकी बढ़ती लागत के कारण, कच्चे माल के बाद सबसे अधिक व्यावसायिक व्यय बिजली का था.​ बिजली की लागत कंपनी द्वारा कमाए जाने वाले प्रॉफिट को खा जाती थी. इस ​समस्या के हल के लिए तांती ने विंड पावर का सहारा लिया. उन्होंने समस्या को हल करने के लिए कुछ विंड टरबाइन खरीदे. अपनी कंपनी को विंड एनर्जी की मदद से बिजली उपलब्ध कराने के बाद, तांती विंड एनर्जी के प्रॉडक्शन में उतरे. उन्होंने उसी साल सुजलॉन एनर्जी की को शुरू किया ताकि टेक्सटाइल कंपनी की एनर्जी जरूरतों को पूरा किया जा सके.

लेकर आए एक नया कारोबारी मॉडल

तांती ने एक नया कारोबारी मॉडल अपनाया, जिसमें कंपनियों को हरित ऊर्जा विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था. सुजलॉन ने एक ऐसा बिजनेस मॉडल अपनाया, जहां अप-फ्रंट कैपिटल इन्वेस्टमेंट के मामले में 25 प्रतिशत जिम्मेदारी क्लांइट्स की हो और सुजलॉन बाकी का 75 प्रतिशत लोन के माध्यम से अरेंज करे. शुरुआत में बैंक, इस मॉडल को फंडिंग देने से कतराते थे लेकिन 2008 आते-आते कई भारतीय बैंकों ने सुजलॉन के क्लाइंट्स के लिए विंड पावर प्रॉजेक्ट्स की फाइनेंसिंग शुरू कर दी. साल 2001 में तांती ने टेक्सटाइल बिजनेस को बेच दिया और पूरा ध्यान सुजलॉन पर देने लगे. सुजलॉन को अपना पहला ऑर्डर 2003 में अमेरिका में डैनमार एंड एसोसिएट्स से दक्षिण-पश्चिमी मिनेसोटा में 24 टर्बाइनों की आपूर्ति के लिए मिला था.

आज सुजलॉन की 17 देशों में उपस्थिति

तांती के नेतृत्व में सुजलॉन एनर्जी ने 19.4 गीगावाट (GW) की क्युलेटिव इंस्टॉल्ड कैपेसिटी, भारत में 33 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और 17 देशों में उपस्थिति के साथ देश की सबसे बड़ी पवन ऊर्जा कंपनी तक का सफर तय किया. इसके दूसरे सबसे बड़े बाजार अमेरिका में इसकी 2 गीगावॉट से अधिक इंस्टॉल्ड कैपेसिटी है. 1995 में सुजलॉन एनर्जी की स्थापना की, जिसका मूल्य अब 8,535.9 करोड़ रुपये है. तांती मई 2006 से बेल्जियम बेस्ड विंड टर्बाइन गियरबॉक्स मैन्युफैक्चरर ZF Wind Power Antwerpen के चेयरमैन भी थे. वह इंडियन विंड टर्बाइन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के चेयरमैन भी थे. उन्होंने एक नया कारोबारी मॉडल अपनाया, जिसमें कंपनियों को हरित ऊर्जा विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था.

रिन्युएबल क्रांति का उठाया बीड़ा

तांती को व्यापक रूप से दूरदर्शी के रूप में जाना जाता था, जिन्होंने भारत में रिन्युएबल क्रांति का बीड़ा उठाया था. उन्होंने 1995 में सुजलॉन एनर्जी की स्थापना के साथ भारत में पवन ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व किया. एक नए व्यवसाय मॉडल की स्थापना करते हुए, उन्होंने व्यवसायों के लिए 'गो ग्रीन' के लिए यथार्थवादी रास्ते बनाने के लिए एक एंड-टू-एंड समाधान की अवधारणा रखी और इस प्रकार स्थायी व्यवसायों को विकसित करने में एक रणनीतिक भागीदार के रूप में उभरे. उनके विजन के कारण सुजलॉन ने जर्मनी, नीदरलैंड, डेनमार्क और भारत में अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित किए, जिनमें 200 से अधिक इंजीनियर कार्यरत हैं. सुजलॉन एनर्जी इस समय राइट्स इश्यू के जरिये 1,200 करोड़ रुपये का फंड जुटाने की तैयारियों में लगी हुई है.

PM मोदी ने बताया पथ-प्रदर्शक कारोबारी दिग्गज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तांती के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें अपने क्षेत्र का पथ-प्रदर्शक बताया. प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में कहा, ‘‘तुलसी तांती एक पथ-प्रदर्शक कारोबारी दिग्गज थे, जिन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया और टिकाऊ विकास की दिशा में देश के प्रयासों को मजबूती दी.’’ वहीं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि तांती ने भारत में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति की अगुवाई की.