अपने प्रयासों से युवाओं को शिक्षित मतदाताओं में बदलने के मिशन पर है ये 22 वर्षीय राष्ट्रीय एथलीट
मुंबई स्थित, चैतन्य प्रभु के नेतृत्व में मार्क योर प्रेजेंस ने आम चुनावों और महाराष्ट्र राज्य चुनावों में फर्स्ट टाइम वोटर्स के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आज तक, संगठन ने 10,000 से अधिक युवा मतदाताओं को पंजीकृत किया है।
कॉलेज में ज्यादातर लोग या तो नौकरी पाने के बारे में सोचते हैं या हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाते हैं या वर्तमान में, स्टार्टअप बनाने के बारे में सोचते हैं। जहां हम में से बहुत से लोग इन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, वहीं मुंबई विश्वविद्यालय के एक 21 वर्षीय लॉ स्टूडेंट चैतन्य प्रभु ने पूरी तरह से अलग यात्रा शुरू की है। उनका मिशन - वोट देने के लिए मतदाता पहचान पत्र दिलाकर नागरिकों को मतदाता सूची में नामांकित करना और उन्हें शिक्षित करना है।
एक अच्छा अकादमिक रिकॉर्ड रखने और एक राष्ट्रीय स्तर के एथलीट होने के बावजूद, चैतन्य का एकमात्र हित शिक्षित मतदाताओं के साथ लोकतंत्र का निर्माण करके लोगों की मदद करना है।
सोशलस्टोरी से बात करते हुए, युवा चेंजमेकर का कहना है,
“भारत की 65 प्रतिशत आबादी युवा है और दुख की बात है कि यह आबादी मतदान नहीं कर रही है। इसलिए, मैंने युवा मतदाताओं को पंजीकृत करने और उन्हें वोट देने के लिए मनाने का काम करने का फैसला किया।”
चैतन्य ने जनवरी 2019 में मुंबई में अपना संगठन मार्क योर प्रेजेंस (Mark Your Presence) शुरू किया। तब से, संगठन ने आम चुनावों और महाराष्ट्र राज्य चुनावों में फर्स्ट टाइम वोटर्स के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और आज तक, इसने 10,000 से अधिक युवा मतदाताओं को पंजीकृत कराया है।
मार्क योर प्रेजेंस की शुरुआत
यह सब तब शुरू हुआ जब चैतन्य को अपना नया वोटर कार्ड मिला। उन्हें अपना वोटर आई कार्ड उस समय मिला जब वह 18 वर्ष के थे। उन्होंने अपने कुछ दोस्तों से पूछा और महसूस किया कि उनमें से किसी के पास कार्ड नहीं है।
वे कहते हैं,
"इसने मुझे सोचने पर मजबूर किया- कोई भी मतदाता आईडी प्राप्त करने के लिए तैयार क्यों नहीं है? बाद में, मैंने पूरी प्रक्रिया पर शोध किया और महसूस किया कि इसकी पूरी तरह से एक ऑनलाइन प्रक्रिया है, और अपने आप को पंजीकृत करने के लिए बेहद आसान है। इसलिए, मैंने अपने दोस्तों को फोन किया और उन्हें जल्द से जल्द पंजीकरण करने के लिए कहा।
उन्होने आगे बताया कि,
दोस्तों ने कहा कि वे पंजीकरण करना चाहते हैं और मैंने उन्हें पंजीकरण करने के लिए चरणों का एक कस्टमाइज्ड मैजेस भेजा (जो मैंने बनाया)। मैंने उनसे यह भी कहा कि अगर उनके पास इसके लिए टाइम नहीं है तो मैं कर देता हूं। इसके बाद जल्द ही, मैंने अपने कुछ दोस्तों को पंजीकृत करना शुरू कर दिया और पता चला, यह सिर्फ 7।30 मिनट की प्रक्रिया है, और कोई भी घर बैठे पंजीकरण करा सकता है।"
कुछ ही समय में, चैतन्य ने लगभग 550 लोगों को मतदाता पहचान पत्र के लिए पंजीकृत किया। बाद में वे महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिले, जिन्होंने उनके आइडिया को सुनकर आवश्यकता पड़ने पर सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया। सरकारी अधिकारी के समर्थन के साथ, चैतन्य इस काम में लग गए।
उन्होंने युवा मतदाताओं को पंजीकृत किया है और बड़ी ऑडियंस तक पहुंचने के लिए विभिन्न तकनीकों को खुद से कस्टमाइज किया है। चैतन्य कहते हैं, ''7:30 मिनट में पंजीकरण करें' (Register in 7:30mins) - मैंने इस प्रक्रिया को ब्रांडेड किया ताकि लोग समझ सकें कि पंजीकरण करना कितना आसान है।
युवाओं को शिक्षित मतदाताओं में बदलना
स्वयं एक छात्र होने के नाते, चैतन्य समझते हैं कि मतदान के महत्व के बारे में वर्तमान पीढ़ी के युवाओं को समझाने में क्या लगता है। उसी को ध्यान में रखते हुए, चैतन्य शहर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का दौरा करते हैं, और 'डेमोक्रेसी क्लास’ टाइटल से प्रजेंटेशन देते हैं। अब तक, वह मुंबई में 42 कॉलेजों और पांच विश्वविद्यालयों में पहुंचे हैं। अपनी कक्षा में, चैतन्य छात्रों को मतदान के उनके अधिकार के बारे में बताते हैं कि यह कहाँ से आता है, और यह महत्वपूर्ण क्यों है।
वह युवा मतदाताओं को यह भी सिखाते हैं कि कैसे लोगों ने वोट के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है, आज हम कैसे आजाद हैं और हमें इसे क्यों बर्बाद नहीं करना चाहिए। चैतन्य कहते हैं, “मैं छात्रों को समझाता हूं कि हमारे यहां कितने चुनाव होते हैं, हम किसे चुनते हैं, और हम क्या और किसके लिए जवाबदेह हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात, मैं उन्हें समझाता हूं कि एक निर्वाचन क्षेत्र, एक विधानसभा और एक वार्ड क्या है, ताकि वे सभी शिक्षित और सूचित मतदाता बनें।"
चैतन्य कहते हैं कि प्रक्रिया काफी आसान है और वे इसे स्टेप-बाई-स्टेप एक्सप्लेन करते हैं। वह कहते हैं, कभी-कभी, पंजीकरण मौके पर किया जाता है लेकिन, अगर किसी के पास समय नहीं है, तो वह व्यक्तियों से कॉन्टैक्ट डिटेल लेते हैं और उन्हें पूरी प्रक्रिया ईमेल करते हैं। हाल ही में, उन्होंने रैप म्यूजिक को मतदान से जोड़ने का प्रयास किया क्योंकि युवा इसको फॉलो करते हैं। उनकी टीम ने तीन अलग-अलग भाषाओं में पहला गीत बनाया, जिसमें मतदान के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और मतदाता पहचान पत्रों के पंजीकरण के बारे में बताया गया।
पंजीकरण प्रणाली के बारे में पूछे जाने पर, चैतन्य कहते हैं,
“आपको बस इतना करना है कि markyourpresence.org.in पर जाकर लॉग इन करें, और मतदाता पहचान पत्र के लिए पंजीकरण करने के लिए रजिस्टर पर क्लिक करें। मैंने प्रक्रिया को आसान बना दिया है ताकि हर कोई मिनटों में पंजीकरण कर सके।”
इसके अलावा, चैतन्य और उनकी टीम ने लोगों को मतदान की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करने के लिए एक मतदाता मैनुअल भी बनाया है। मैनुअल में मतदाता को मतदान करने से पहले आवश्यक चीजों के बारे में बताया गया है।
यह मतदाता को उनके निर्वाचन क्षेत्र और संसद सदस्य की भूमिका के बारे में भी शिक्षित करता है। जब भी कोई समस्या होती है तो इसके लिए, टीम ने संबंधित बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के साथ उसे फॉलो करने का भी प्रयास किया है।
उनकी वेबसाइट पर, मतदाता अपनी मतदाता पहचान पत्रों को ट्रैक कर सकते हैं, जांच कर सकते हैं कि उनका नाम मतदाता सूची, उनके मतदान केंद्रों पर है या नहीं, और वे अपने निकटतम ईलेक्शन ऑफिस की विस्तृत जानकारी भी पा सकते हैं।
फंडिंग के बारे में पूछे जाने पर चैतन्य कहते हैं,
“हम कोलैबोरेट करते हैं और पारस्परिक रूप से लाभकारी आधार पर काम करते हैं। हर कोई एक युवा छात्र है, इसलिए हर कोई समाज पर प्रभाव पैदा करने के लिए काम कर रहा है।”
जमीनी सर्वेक्षण और आगे की योजना
युवाओं की संख्या के डायनमिक को समझने के लिए, बिना मतदाता पहचान पत्र वाले पात्र मतदाताओं का पता लगाने के लिए मार्क योर प्रेजेंस शहर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सर्वेक्षण करता है। एक बार पूरा होने के बाद, टीम मतदान में रुचि रखने वाले छात्रों की संख्या को समझती है। हालांकि, मतदान से संबंधित जानकारी तक उनकी पहुंच नहीं है।
इसका मुकाबला करने के लिए, चैतन्य ने सभी विवरणों के साथ एक वेबसाइट बनाई, जहां उनकी टीम चुनावों से पहले मतदाता पुस्तिका जारी करती है, जो मतदाताओं को विधायकों, सांसदों, और कार्पोरेटर्स की भूमिका और कार्यों के बारे में सूचित करती है, इसलिए फर्स्ट टाइम वोटर्स विश्लेषण कर सकते हैं और फिर मतदान कर सकते हैं।
चैतन्य कहते हैं,
“हम उन सभी उम्मीदवारों की सूची भी जारी करते हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए लोगों को कुछ ही मिनटों में जानकारी उपलब्ध होती है। हम सर्वेक्षण के अनुसार अपने मतदाता मैनुअल बनाते हैं। हम हर मतदाता की मानसिकता को समझते हैं और ऐसा ही करते हैं।”
फर्स्ट टाइम वोटर्स के लिए, यह मैनुअल चुनाव के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है, और वर्तमान में, संगठन आगामी दिल्ली चुनावों के लिए भी यही कर रहा है। इसने अशोका विश्वविद्यालय से छात्रों को पंजीकृत करना शुरू कर दिया है और जनवरी में, यह दिल्ली विश्वविद्यालय तक पहुंच जाएगा, जहां यह मतदान के महत्व और प्रभाव पर एक संगोष्ठी रखने की योजना बना रहा है।
चैतन्य कहते हैं,
“महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री बलदेव सिंह ने हमारे सुझावों को छोड़कर बाकी हमारे इस लक्ष्य का बहुत समर्थन किया है और हमें जिस चीज़ की जरूरत होती है, उसमें मदद की है।”
चैतन्य के अनुसार, सीईओ ऑफिस से समर्थन के साथ काम करना आसान है, जो संगठन को सलाह दे सकता है कि चीजों को पूरी तरह से कैसे किया जाए। इसके अलावा, यदि पंजीकरण के बाद कोई समस्या बनी रहती है, तो वे मतदाताओं को अगले चरणों में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
भविष्य में, चैतन्य मतदान को एक सतत कार्यक्रम बनाना चाहते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह एक ऐसा विषय है जिस पर न केवल चुनाव के दौरान, बल्कि पूरे वर्ष चर्चा की जानी चाहिए। इसके अलावा, चैतन्य अधिक भागीदारी और पंजीकरण के लिए राजनीति और मतदान को अधिक दिलचस्प बनाना चाहते हैं। इसके लिए, उन्होंने एक राजनीतिक विचारधारा परीक्षण (political ideology test) खरीदा है जो प्रत्येक मतदाता को उनकी विचारधारा बताएगा, हालांकि ये इस पर निर्भर करता है कि वह इस टेस्ट को अटेम्प्ट कैसे करता है।
यह किसी विशेष पार्टी को वोट करते समय भ्रमित मतदाताओं की भी मदद करेगा। चूंकि ध्यान शिक्षित मतदाताओं पर है, इसलिए टीम ने एसिड अटैक पीड़ितों, ट्रांसजेंडर और नेत्रहीन छात्रों को भी पंजीकृत करने की योजना बनाई है।
चैतन्य कहते हैं,
“लक्ष्य यह है कि प्रत्येक स्कूल, प्रत्येक कॉलेज और प्रत्येक विश्वविद्यालय में पंजीकृत मतदाता हों। और, मैं तब तक नहीं रुकूंगा जब तक कि हर कोई मतदाता आईडी के लिए पंजीकरण नहीं करता, क्योंकि यह अगले चुनाव के बारे में नहीं है, यह अगली पीढ़ी के बारे में है।”