बिगबॉस के घर तक एंट्री मार चुके 'बिरयानी बाई किलो' का कारोबार पहुंचा 50 करोड़
वर्ष 2015 में जायकेदार बिरयानी दम से अपने खाद्य प्रसंस्करण की शुरुआत करते समय तो तीन दोस्तों कौशिक, विशाल और रितेश को भी अंदाजा नहीं था कि चार साल में ही उनका 'बिरयानी बाई किलो' स्टार्टअप अपने 35 आउटलेट्स के साथ 50 करोड़ के कारोबार में तब्दील हो जाएगा। अब कंपनी 35 और आउटलेट्स के साथ 80 के टारगेट पर है।
इस समय हमारे देश में स्टार्टअप के लिए सबसे अधिक लाभदायक फूड प्रोसेसिंग परियोजनाएं और कृषि आधारित व्यापार कामयाब हो रहे हैं। इस समय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भारत के कुल खाद्य बाजार का लगभग 32 प्रतिशत हो चुका है। यह प्रसंस्करण सबसे बड़े उद्योगों में से एक होने के साथ ही उत्पादन, खपत, निर्यात और अपेक्षित वृद्धि के मामले में पांचवें स्थान पर है।
पिछले दशक में भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इस साल 2020 में इसके 480 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की पूरी संभावना है। यह उद्योग देश के विनिर्माण जीडीपी का 14 फीसद, निर्यात का 13 फीसद और कुल औद्योगिक निवेश का छह प्रतिशत हिस्सेदारी वाला कारोबार हो चुका है।
इसी प्रसंस्करण से जुड़े तीन दोस्तों कौशिक रॉय, विशाल जिंदल और रितेश सिन्हा का 'बिरयानी बाई किलो' (Biryani By Kilo) स्टार्टअप चार साल के भीतर ही 50 करोड़ का कारोबार बन चुका है।
बिग बॉस में मारी एंट्री
आज अपने ऑथेंटिक फ्लेवर्स और कुकिंग स्टाइल से 'बिरयानी बाई किलो' स्टार्टअप बिरयानी खाने वालों की पहली बेहद जायकेदार पसंद होने के साथ ही देशभर में अपने 35 आउटलेट्स के साथ बिगबॉस के घर तक एंट्री मार चुका है। यह देश की तमाम सेलेब्रिटीज की पहली पसंद बन गया है।
लगातार बढ़ रही है डिमांड
बेहिसाब डिमांड के कारण ही अब कंपनी अब देशभर में 35 आउटलेट्स संख्या सत्तर तक पहुंचाने की तैयारी में जुटी है। मजबूत सेटअप के साथ कारोबार को चोटी तक पहुंचाने के लिए कौशिक, विशाल और रितेश के 'बिरयानी बाई किलो' स्टार्टअप को आईवीवाईकैप वेंचर्स और सीएक्स पार्टनर्स से फंडिंग भी मिल चुकी है। इस निवेश से अब तीन दोस्तों की ये कंपनी मलेशिया, दुबई, इंडोनेशिया तक अपना खाद्य प्रसंस्करण पहुंचा रही है। इस साल 2020 में कंपनी 80 करोड़ रुपये के कारोबार का टारगेट लेकर चल रही है।
'बिरयानी बाई किलो' स्टार्टअप ने सिर्फ व्यावसायिक हुनर के ही कारण इतनी ऊंची छलांग नहीं लगाई है, बल्कि इसकी जायकेदारी ने इस प्रॉडक्ट का लोगों को दीवाना बना रखा है। केरल के मसालों में खास बासमती चावल से ऑथेंटिक रेसेपीज से तैयार की गई लखनवी, मालाबारी और हैदराबादी इस स्टार्टअप के प्रॉडक्ट को औरों से ज्यादा खास बना दिया है।
दम बिरयानी से हुई थी शुरुआत
कंपनी के फॉउंडर बताते हैं कि उन्होंने 2015 में अपने कारोबार की शुरुआत दम बिरयानी से की थी। एक बार जो भी खा ले, फिर मुड़-मुड़ कर आए, ग्राहकों के इस अंदाज से दिनोदिन मेन्यू बढ़ता गया और अब कबाब, कोर्मा से लेकर फिरनी तक सभी सेगमेंट्स में खाने के शौकीनों के ऑफर मिल रहे हैं। बस दिक्कत एक है कि ऐसी बिरयानी खाने के लिए हैदराबाद अथवा लखनऊ जाना पड़ेगा।