क्यों किया इस महिला उद्यमी ने भारतीय सड़कों के लिए डैश कैम बिजनेस शुरू करने का फैसला?
सेफ कैम्स, पुणे का स्टार्टअप है जो डैश कैमरा को बनाता और बेचता है। कंपनी का मकसद सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं और लोगों की होने वाली मौतों को कम करना है।
डीएसएम एक नया डैश कैमरा है जो दुर्घटनाओं को होने से पहले रोकने के लिए उन्नत AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है। ये डैश कैम लगातार ड्राइवर के चेहरे का निरीक्षण और निगरानी करते हैं, और कुछ ही सेकंड में पता लगा सकते हैं कि क्या ड्राइवर आगे की सड़क पर ध्यान दे रहा है या सो रहा है, या फिर लापरवाही भरा व्यवहार प्रदर्शित कर रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पली-बढ़ी चेतना नायडू को हमेशा अच्छी सड़कों पर गाड़ी चलाने की आदत थी, जहां सभी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते थे। उनके लिए अच्छी सड़कों का नेटवर्क और सुव्यवस्थित यातायात ऐसी चीजें थीं, जिन्हें वह मानकर चलती थीं कि यह तो हर जगह होगा ही।
ऐसे में, 2017 में जब वह अपने पति वनेश नायडू और दो छोटे बच्चों के साथ भारत के पुणे में रहने आईं, तो वह काफी आश्चर्य में पड़ गईं। यातायात की बेतरतीब स्थिति और एक व्यक्तिगत घटना ने उन्हें इस हद तक प्रभावित किया कि उन्होंने इसे बदलने के बारे में सोचना शुरू कर दिया।
चेतना उस वक्त भारत में अपने नए जीवनशैली में ढलने की कोशिश कर रही थीं। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने सड़कों पर दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने में मदद करने के लिए सेफ कैम्स को लॉन्च किया, जो पुणे स्थित एक टेक्नोलॉजिकल कंपनी है।
ड्राइविंग के खतरे
चेतना उन दिनों को याद करते हुए बताती हैं,
“जब मैं भारत आई तो मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती ड्राइविंग थी। विशेष रूप से पुणे में, जहां मैंने इसे खतरनाक और अत्यधिक भ्रमित करने वाला पाया। मेरा सबसे बुरा अनुभव तब था जब मैं एक बार अपने बच्चों को अकेले बाहर घूमने के लिए ले गई थी और तभी सड़क पर मुझे अपने सबसे भयानक पल का सामना करना पड़ा था! हमसे एक छोटी सी दुर्घटना हो गई थी और बहुत जल्दी हमारे चारों ओर एक बड़ी भीड़ जमा हो गई।”
दुर्घटना के बाद जब वह नुकसान को देखने के लिए कार से बाहर निकली, तो भीड़ ने उन्हें दोष देना शुरू कर दिया, जिससे उन्हें और अधिक निराशा हुई।
वह याद करती है,
"मैंने असहज महसूस किया और फैसला किया कि मदद आने तक बच्चों के साथ कार में बंद रहना ही सबसे अच्छा विकल्प था। इस 'मामूली घटना' को हल करने में असल में कई घंटे लग गए।"
इस अनुभव ने चेतना को सड़क पर सुरक्षित रहने के तरीके तलाशने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कुछ दिन बाद यूके से एक डैश कैमरा खरीदा क्योंकि यह उस समय भारत में उपलब्ध नहीं था।
डैश कैम जिसने मदद की
वह बताती हैं,
“भारत में मेरे दोस्तों और परिवार ने हमारे नए डिवाइस में काफी दिलचस्पी दिखाई। इसी के साथ हमें इसे अपना खुद का स्थानीय ब्रांड विकसित करने और देश भर में डैश कैमरों की आपूर्ति करने का विचार आया।”
फिर 2018 में चेतना और उनके पति ने सेफ कैमरा डिजिटल आई सॉल्यूशंस (SCDE) की स्थापना की। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के हालिया बयान पर टिप्पणी करते हुए, चेतना एक खतरनाक आंकड़े की ओर इशारा करती है - भारतीय सड़कों पर औसतन हर 4 मिनट में 1 मौत होती है।
विश्व बैंक की 2020 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों का करीब 11 पर्सेंट भारत में होती है, जबकि भारत में पूरी दुनिया की सिर्फ 1 प्रतिशत गाड़ी है।
चेतना कहती हैं,
“भारत ने हाल ही में सड़क पर कानून तोड़ने वालों पर शिकंजा कसने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन किया है। हालांकि, सड़क पर लोगों की भारी संख्या को देखते हुए इसे लागू करना अविश्वसनीय रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बड़े पैमाने पर सीसीटीवी और डैश कैमरों के इस्तेमाल पुलिस और दूसरी एजेंसियों को यातायात उल्लंघन का वीडियो सबूत मुहैया करा सकता है। साथ ही प्लेट की पहचान करने और वाहन के पंजीकृत चालक को जुर्माना जारी करने में भी यह उपयोगी है।”
मॉनिटर का निर्माण
सेफ कैम्स का मिशन और उद्देश्य सड़कों पर होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में मदद करना है। इसके लिए, टीम ने भारत में ड्राइवर स्टेट मॉनिटर (DSM) और एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) कैमरे पेश किए हैं।
डीएसएम एक नया डैश कैमरा है जो दुर्घटनाओं को होने से पहले रोकने के लिए उन्नत AI एल्गोरिदम का उपयोग करता है। ये डैश कैम लगातार ड्राइवर के चेहरे का निरीक्षण और निगरानी करते हैं, और कुछ ही सेकंड में पता लगा सकते हैं कि क्या ड्राइवर आगे की सड़क पर ध्यान दे रहा है या सो रहा है, या फिर लापरवाही भरा व्यवहार प्रदर्शित कर रहा है।
इसके बाद यह चालक को सचेत करता है, ताकि उसकी एकाग्रता को सड़क पर फिर से केंद्रित किया जा सके। दूसरी ओर, एडीएएस एक आगे की टक्कर को रोकने की चेतावनी प्रणाली है। यह चालक को उसके वाहन के सामने किसी वस्तु के करीब आने पर तुरंत ब्रेक/धीमा करने के लिए सचेत करती है। यह एक उन्नत एआई एल्गोरिदम का एक और उदाहरण है जो डैश कैम से प्राप्त वीडियो फुटेज के आधार पर वाहन के सामने वस्तु की दूरी और गति की लगातार गणना कर रहा है।
चेतना कहती हैं,
“सेफ कैम्स ने डोंबिवली-कल्याण स्मार्ट सिटी की पुलिस वाहनों में डीएसएम सिस्टम की सप्लाई किया है और उसे लगाया है, जिस पर हमें गर्व है। हमारे कैमरों से लिए वीडियो फुटेज पुलिस को सड़क पर यातायात नियमों को तोड़ने वालों को चालान जारी करने में सक्षम बनाएगा। हमारी टीम डैश कैमरों का निर्माण और वितरण करने के लिए देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विक्रेताओं और आपूर्तिकर्ताओं के साथ काम करती है।"
चेतना बताती है,
"सीट बेल्ट, रिवर्स कैमरा और एबीएस ब्रेकिंग जैसे कार के सबसे बड़े कार सुरक्षा उपकरण तकनीकी की प्रगति जरिए ही आए हैं। अगला कदम सुरक्षा उपकरणों में एआई और सेंसर जोड़ना है ताकि वे समस्याओं को होने से पहले ही पहचान सकें और दुर्घटना को रोकने के लिए सुधारात्मक कार्रवाई कर सकें। वीडियो विश्लेषण का मतलब है कि सड़क पर एक सतर्क 'डिजिटल आंख' हो सकती है जो कभी सोती या थकती नहीं है।"
कोरोना महामारी की चुनौती
कोरोना महामारी के दौरान टीम को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान स्टार्टअप होने का मतलब है कि आपका व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया है लेकिन आपका सभी लागतों को वहन करना जारी है। चेतना के मुताबिक, कई ग्राहकों ने लॉकडाउन के दौरान अपनी खरीदारी रोक दी और इससे कारोबार प्रभावित हुआ।
चेतना कहती हैं,
“भले ही हम अभी आशा की कुछ किरण देख रहे हैं (जैसा कि देश में कोविड की स्थिति में सुधार हो रहा है), हम अभी भी इसके प्रभाव को दूर करने के लिए लड़ रहे हैं। कामकाज के नजरिए से देखें तो हमें नौकरी के लिए बेहतरीन स्किल वाले उपयुक्त कर्मचारियों को खोजने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इसके लिए जो स्किल चाहिए थे, उन्हें खोजना काफी कठिन था। ऐसे में हमने हमने अपने कर्मचारियों को शुरू से लेकर अंत तक हर चीज का ट्रेनिंग देने का फैसला किया।"
वह आगे कहती हैं कि उन्होंने अनुसंधान और विकास के चरण पर भी काफी समय बिताया, क्योंकि टीम को यह सुनिश्चित करना था कि वे जो डैश कैमरा चाहते थे, वे भारतीय सड़कों पर अच्छी तरह से काम करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उनके पास लागत के मामले में एक प्रतिस्पर्धी उत्पाद हो। .
सेफ कैम्स सभी उत्पादों पर एक साल की वारंटी और उत्पादों की खरीद से पहले और बाद में ग्राहक सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा वे प्रमुख ग्राहकों को बीस्पोक उत्पाद प्रदान करते हैं और लगातार सुधार और बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
बाजार
गूगल और उबर जैसे दिग्गजों के सेल्फ-ड्राइव और कनेक्टेड कारों के क्षेत्र में प्रवेश करने के अलावा, कई भारतीय स्टार्टअप इस क्षेत्र में हैं। उदाहरण के लिए नेत्राडाइन (Netradyne) एक IoT डिवाइस का उपयोग करके सड़क सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसने हाल ही में सॉफ्टबैंक विजन फंड के नेतृत्व में सीरीज सी फंडिंग में के तहत 15 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।
सेफ कैम्स कार एक्सेसरीज डीलरों को डैश कैम बनाती और वितरित करती है - और वे वर्तमान में टियर 1 शहरों में वितरकों की तलाश कर रहे हैं। चेतना का कहना है कि कंपनी ने वाई सीरीज की ऑनलाइन बिक्री बंद करके अब ऑफलाइन स्टोर्स के जरिए बिक्री कर रही हैं क्योंकि इससे उन्हें हार्डवेयर किट और एसडी कार्ड की प्रोफेशनल तरीके से इंस्टॉल करने में आसानी रहती है।
चेतना कहती हैं,
“हम अपनी वेबसाइट, ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट और जीईएम के माध्यम से भी ऑनलाइन बिक्री करते हैं। हमारे डीएसएम और 4जी कैमरों के लिए, ग्राहकों को हार्डवेयर अग्रिम रूप से बेचा जाता है और हम अपने प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने के लिए मासिक/वार्षिक सदस्यता/शुल्क के रूप में क्लाउड एक्सेस और स्टोरेज प्रदान करते हैं।”
कंज्यूमर डैश कैमरा की कीमतें 7,399 रुपये से लेकर 27,999 रुपये तक हैं। इनमें ड्यूल कैमरा, हार्डवेयर किट, वाईफाई और पार्किंग गार्ड जैसी तमाम फीचर्स भी हैं। चेतना कहती हैं, "हमारे सभी डैश कैम में फुल हाई-डेफिनिशन वीडियो और अल्ट्रा वाइड-एंगल लेंस भी हैं।"
वह आगे कहती हैं,
"डीएसएम और एडीएएस जैसे उन्नत 4 जी कैमरे विशेष रूप से हमारे ग्राहकों की आवश्यकताओं के लिए पैक किए गए हैं। इनके लिए मूल्य निर्धारण हमारे ग्राहकों की कस्टम आवश्यकताओं सहित कई कारकों के आधार पर अलग-अलग होगा।”
भविष्य
चेतना कहती हैं,
"सेफ कैम्स के निदेशक के रूप में मेरे हालिया कार्य गुणवत्ता और सेवा मानकों पर बिजनेस के मानक की समीक्षा करना और आईएएस-मान्यता प्राप्त ऑडिटर द्वारा आईएसओ 9001 प्रमाणित कंपनी की गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली प्राप्त करना शामिल था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।"
चेतना का कहना है कि प्रौद्योगिकी अधिक महिलाओं के लिए अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना आसान बना रही है। लेकिन जरूरत इस बात की है कि कर्ज उपलब्ध कराने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्रों से ज्यादा प्रोत्साहन मिले। उन्हें लगता है कि अधिक महिलाओं को इंटर्नशिप की पेशकश की जा रही है ताकि उन्हें आवश्यक एक्सपोजर मिल सके और व्यापार जगत में अवसर भी फायदेमंद होंगे।
चेतना आखिर में कहती है,
“धीरे-धीरे और धीरे-धीरे, हम और अधिक महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र होते देखना शुरू करेंगे और इस तरह, अन्य महिलाओं को और अधिक हासिल करने के लिए सशक्त बनाएंगे। भारत में महिलाओं को कई सामाजिक चुनौतियां भी झेलने पड़ती हैं, जिन्हें बदला जाना चाहिए और चुनौती दी जानी चाहिए। मेरा दृढ़ विश्वास है कि महिलाएं समाज में एक अलग दृष्टिकोण ला सकती हैं, विशेष रूप से टेस्टोस्टेरोन से भरे ऑटो सेक्टर में।”
Edited by Ranjana Tripathi