केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की वीडियो कॉन्फ्रेंस समाधान प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा
अल्लपुझा स्थित टेकगेनेशिया सॉफ्टवेयर टेक्नॉलाजी प्राइवेट लिमिटेड प्रतियोगिता की विजेता घोषित। केंद्र सरकार द्वारा तीन ओर वीडियो कॉन्फ्रेंस समाधान को प्रोत्साहन देने की घोषणा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार तथा कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस समाधान विकसित करने के लिए आयोजित विशाल चुनौती प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा की।
रविशंकर प्रसाद ने विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के आह्वान के उत्तर में भारतीय उद्यमी और अन्वेषक चार माह के बेहद कम समय में विश्वस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाधान के साथ सामने आए हैं। हम भारत के सॉफ्टवेयर उत्पादों और मोबाइल एप अर्थव्यवस्था को बड़े स्तर पर विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह प्रतियोगिता इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 12 अप्रैल को डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत वीडियो कॉन्फ्रेंस समाधान को विकसित करने के लिए नवाचार चुनौती प्रतियोगिता की घोषणा की थी। इस प्रतियोगिता में उद्योग जगत, स्टार्ट अप और व्यक्तिगत रूप से विशेषज्ञ भागीदारी कर सकते थे। देशभर से इस प्रतियोगिता को अप्रत्याशित समर्थन मिला और कुल 1983 आवेदन प्राप्त हुए। इन आवेदनों का आंकलन किया गया और इन्हें त्रिस्तरीय विचार, प्रारूप और उत्पाद स्तर प्रक्रिया द्वारा प्रोत्साहित किया गया।
कुल आवेदन में से नवाचार वीडियो कॉन्फ्रेंस समाधान प्रस्तुत करने वाले 12 आवेदकों का चयन प्रारूप बनाने के लिए किया गया और प्रत्येक चयनित आवेदक को 10 लाख रुपए की सहायता दी गई। विकसित किए प्रारूप का आंकलन प्रख्यात निर्णायक समिति ने किया जिसमें सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, प्रतिष्ठित अकादमी सदस्य और सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के प्रख्यात प्रतिनिधि शामिल थे।
इस निर्णायक समिति ने बाजार में उतरने के लिए तैयार उत्पाद बनाने के लिए 5 आवेदकों का चयन किया। परामर्श, परीक्षण और एनआईसी क्लाउड में सम्मिलित करने के लिए चुने गए इन पांच आवेदकों से तीन आवेदकों को 20-20 लाख रुपए और दो आवेदकों को 15-15 लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई। निर्णायक समिति और परामर्शदाता में सम्मिलित उद्योग जगत,अकादमी सदस्य और सरकारी विशेषज्ञों ने इस दौरान आवेदकों को नि:शुल्क सहयोग प्रदान किया। अंतिम पांच चुनौतीधारकों ने अपने समाधान प्रस्तुत किए। इसके बाद निर्णायक समिति ने इनका विस्तृत रूप से आंकलन करने के बाद विजेताओं के नाम की घोषणा की।
निर्णायक समिति ने अल्लपुझा (केरल) स्थित टेकगेनेशिया सॉफ्टवेयर टेक्नॉलाजी प्राइवेट लिमिटेड के उत्पाद वीकन्सोल को विजेता घोषित किया। विजेता को 1 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही अगले तीन वर्षों में संचालन और देखभाल के लिए 10 लाख रुपए भी दिए जाएंगे। इस उत्पाद को सरकार एक अनुबंध द्वारा प्रयोग के लिए शामिल करेगी।
निर्णायक समिति ने तीन आवेदकों द्वारा विकसित उत्पादों का संभावित उत्पादों के रूप में भी चयन किया है। इसके अंतर्गत तीन माह की अवधि में उत्पाद को और विकसित करने के लिए विकास अनुबंध प्रस्ताव और 25 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे। इन तीन उत्पादों का तकनीकी समिति ओर आंकलन करेगी और उसके बाद जीईएम में चयनित चारों उत्पादों को शामिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय सिफारिश करेगा।
इन तीन उत्पादों का विवरण निम्नलिखित है:
- सर्व वेब प्राइवेट लिमिटेड (सर्व वेब), जयपुर
- पीपुललिंक यूनिफाईड कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमि़टेड (इंस्टा वीसी), हैदराबाद
- इनस्ट्राईव सॉप्टलैब्स प्राइवेट लिमिटेड (हाईड्रामीट), चेन्नई
इन सभी वीडियो कॉन्फ्रेंस उत्पादों को एसटीक्यूसी, सीईआरटी-आईएन, सीडैक और एनआईसी का भी सहयोग मिलेगा। इन चारों उत्पाद को एनआईसी क्लाउड पर प्रयोग के लिए रखे जाने की सिफारिश की गई है और एनआईसी इन उत्पादों के जीईएम द्वारा सरकार में प्रयोग अपनाने के लिए सुविधा प्रदान करेगा। विजेता सहित सभी दल अपने उत्पाद का विश्व भर में व्यापार करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
यह पूरी प्रक्रिया निर्णायक समिति के परामर्शदाता और सदस्य के रूप में काम करने वाले सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी द्वारा संपन्न हुई। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस संबंध में नैसकॉम की अध्यक्षा देबजानी घोष, इंडियन एंजल नेटवर्क के सौरभ श्रीवास्तव, आईस्पिरिट के शरद शर्मा, आईआईटी भिलाई से डॉ. रजत मूना, आईआईटी जोधपुर से प्रोफेसर शांतनु चौधरी, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर यतिन्द्र नाथ सिंह सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है।
(सौजन्य से: PIB_Delhi)