यूपीएससी मैराथन में टॉपर सृष्टि और सुयश को टाइम मैनेजमेंट से मिली कामयाबी
वर्ष 2018 की यूपीएससी टॉपर सृष्टि बताती हैं कि इस एग्जॉम की तैयारी के दिनो में हर दिन का एक-एक सेकंड कीमती होता है। इसी तरह वर्ष 2018 में ही पहली ही कोशिश में 56वीं रैंक हासिल कर लेने वाले महाराष्ट्र के सुयश बताते हैं कि उनको अपनी आइडियल स्ट्रेटजी के कारण इतनी जल्दी सफलता मिल गई।
यूपीएससी की परीक्षाएं दिनोदिन और भी चुनौतीपूर्ण हो जा रही हैं। इसमें सफलता के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होता है कि अभ्यर्थी के पास संपूर्ण परीक्षा प्रणाली, सिलेबस, परीक्षा की संरचना और परीक्षा संबंधित अन्य विभिन्न मुद्दों की पूरी समझ हो।
हाल के बरसों में देखा गया है कि यूपीएससी परीक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव हुए हैं। इस बदलाव में पाठ्यक्रम, परीक्षा पद्धति, अभ्यर्थियों के लिए अवसर की सीमाएं, आयु आदि उल्लेखनीय हैं। आगे भी इसमें परिवर्तन संभव होते हैं। कभी-कभी देखा जाता है कि कई अभ्यर्थियों को परीक्षा संबंधी ठीक जानकारी नहीं होती है। वे आधी-अधूरी जानकारी के कारण असफल हो जाते हैं। परीक्षा संबंधी कई प्रश्न तो विज्ञापन को ठीक से समझ कर ही दूर कर लिए जा सकते हैं।
वर्ष 2018 की यूपीएससी परीक्षा टॉपर सृष्टि जयंत देशमुख बताती हैं कि एक साल के यूपीएससी मैराथन के प्रीलिम्स, मेंस, पर्सनालिटी टेस्ट में सफलता हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है, अपने रोजमर्रा के समय को अनुशासित बनाकर चलना। फालतू समय एकदम खर्च न करें। तैयारी के गुजरते दिनों का हर मिनट, हर सेकंड कीमती होता है।
एक साल की तैयारी में पहली ही बार में यूपीएससी परीक्षा में 56वीं रैंक हासिल कर लेने वाले नांदेड़ (महाराष्ट्र) के सुयश चवान कहते हैं कि उनको अपनी यूनीक स्ट्रेटजी और आइडिया के कारण इतनी जल्दी सफलता मिल गई। ऐसी तैयारी में उनका फॉर्मूला था, रिवर्स स्ट्रेटजी।
यूपीएससी परीक्षा के प्रतिभागियों को राह दिखाते सृष्टि और सुयश कहते हैं कि एग्जॉम की तैयारी के दिनों में रोजाना न्यूज पेपर जरूर पढ़ें, साथ में उससे जनरल नोट्स की डायरी भी कवर करते रहें। आंसर राइटिंग के लिए समय निकालें। टेस्ट सीरीज सॉल्व करते रहें।
हर दिन का एक-एक मिनट परीक्षा की तैयारी के हिसाब से टारगेट होना चाहिए। पेपर का पैटर्न खूब गंभीरता से समझते रहें। मेंस में प्रश्नों के जवाब देते समय ध्यान रखें कि आपका आइडियल आंसर क्या हो सकता है। इसमें फ्लो चार्ट, डायग्राम आदि का एक्सपेरिमेंट किया जा सकता है। इकोनॉमिक्स सर्वे, बजट आदि का बारीकी से अध्ययन जरूर करते रहें।
सुयश बताते हैं कि उन्होंने हमेशा रिवर्स स्ट्रेटजी के तहत स्टडी की। जब वह मेन्स लिख रहे थे, उन्हे पता था कि कब कौन सा विषय फिर से रिवाइज करना है क्योंकि यूपीएससी में सबसे ज्यादा प्लानिंग अपने टाइम को लेकर करनी होती है। जरूरी है कि हम अपने आधे-आधे अंक की भी कीमत को बहुमूल्य मानकर तैयारी में जुटे रहें।
वह कहते हैं कि उनके रैंक की तुलना उनके लास्ट वाले से करें या जिसका नहीं हो सका है उससे करें तो ये डिफरेंस 60 मार्क्स के करीब रहा था। इस सफलता के पीछे उसी आधा-आधा अंक का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
यूपीएससी में कुल सात प्रश्नपत्र होते हैं। हर प्रश्नपत्र में 20-20 सवाल रहते हैं। यदि हर बीस सवाल में आधा-आध नंबर ज्यादा लाने की कोशिश रहे तो एक पेपर में दस और सात पेपर में 70 नंबर मिल जाएंगे।