वेदांता की कौन सी कंपनी देखेगी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग? कन्फ्यूजन पैदा होने के बाद आया जवाब
वेदांता और फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेंगी.
अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) ने कहा है कि गुजरात में सेमीकंडक्टर बनाने का प्रस्तावित बिजनेस, इसकी होल्डिंग कंपनी वोल्कैन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (Volcan Investments Limited) देखेगी. वेदांता का यह बयान, स्टॉक एक्सचेंजेस की ओर से मांगे गए एक स्पष्टीकरण के तहत है. दरअसल वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) ने गुजरात सरकार के साथ एक एमओयू (Memorandum of Understanding) साइन किया है. यह एमओयू एक सेमीकंडक्टर व डिस्प्ले एफएबी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाने को लेकर है.
वेदांता और फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेंगी. 94,000 करोड़ रुपये डिस्प्ले विनिर्माण इकाई की स्थापना में खर्च होंगे, 60,000 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए निवेश किए जाएंगे. इससे एक लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होने की बात कही जा रही है.
इस एमओयू के बाद यह कन्फ्यूजन पैदा हो गया कि सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग को कौन देखेगा वेदांता रिसोर्सेज या वेदांता लिमिटेड. इस पर स्टॉक एक्सचेंज ने वेदांता लिमिटेड से स्पष्टीकरण मांगा था. जवाब में वेदांता ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में कहा कि सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग का प्रस्तावित बिजनेस, वेदांता लिमिटेड के तहत नहीं है. इस बारे में कंपनी ने पहले भी 16 फरवरी 2022 को स्पष्टीकरण जारी किया था. आगे कहा कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस वेदांता लिमिटेड की अल्टीमेट होल्डिंग कंपनी वोल्कैन इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड देखेगी.
संयंत्र गुजरात में लगाने का फैसला पेशेवर आधार पर
वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण के प्रस्तावित संयंत्र को महाराष्ट्र से गुजरात ले जाने पर पैदा हुए विवाद के बीच कहा कि इस संयंत्र की जगह का फैसला पूरी तरह पेशेवर और स्वतंत्र परामर्श के आधार पर किया गया है. अग्रवाल ने अपने कई ट्वीट में इस संयंत्र को स्थानांतरित करने से जुड़े विवाद पर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि भले ही चिप विनिर्माण संयंत्र को गुजरात ले जाने का फैसला किया गया है लेकिन उनका समूह महाराष्ट्र में भी निवेश के लिए प्रतिबद्ध है.
दरअसल वेदांता और उसकी साझेदार फॉक्सकॉन के, सेमीकंडक्टर चिप संयंत्र पहले महाराष्ट्र में लगाने की चर्चा थी. लेकिन दो दिन पहले वेदांता ने अचानक गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर इस संयंत्र को गुजरात में स्थापित करने की घोषणा कर दी. इस घोषणा के फौरन बाद महाराष्ट्र और गुजरात के राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. कई दलों ने इसे महाराष्ट्र सरकार की नाकामी के तौर पर भी पेश किया.
अग्रवाल ने इस संदर्भ में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘वेदांता-फॉक्सकॉन गठजोड़ करोड़ों डॉलर वाले इस निवेश के लिए माकूल जगह का आकलन पेशेवर ढंग से करता रहा है. यह एक वैज्ञानिक एवं वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें कई साल भी लग जाते हैं. हमने यह प्रक्रिया दो साल पहले शुरू की थी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें एक बाहरी पेशेवर एजेंसी की सेवाएं भी ली गईं. हमने गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों का चयन किया और पिछले दो साल से हम इनमें से हर एक राज्य की सरकार के साथ बात करते रहे हैं.’’
गुजरात, कंपनी की उम्मीदों पर खरा
वेदांता समूह के प्रमुख ने कहा कि गुजरात का अंतिम रूप से चयन कंपनी की उम्मीदों पर खरा उतरने की वजह से किया गया. हालांकि, उन्होंने उन अपेक्षाओें का ब्योरा नहीं दिया लेकिन यह जरूर कहा कि समूह 1,000 एकड़ जमीन मुफ्त में चाहता था जबकि पानी एवं बिजली को भी रियायती दरों पर मुहैया कराने की मांग रखी गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी अपेक्षाएं पूरी होने पर कुछ महीने पहले ही गुजरात को इस संयंत्र के लिए चुन लिया था. लेकिन जुलाई में महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिस्पर्द्धी पेशकश कर अन्य राज्यों को पीछे छोड़ने की कोशिश की. लेकिन हमें यह संयंत्र एक ही जगह लगाना है लिहाजा पेशेवर एवं स्वतंत्र परामर्श के आधार पर हमने गुजरात को ही अंतिम तौर पर चुना.’’ उन्होंने कहा कि इस दीर्घकालिक निवेश से भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का स्वरूप ही बदल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अखिल भारतीय पारिस्थितिकी तैयार करेंगे और महाराष्ट्र में भी निवेश के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हमारे गुजरात संयंत्र में एकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र की भूमिका अहम होगी.’’
1000 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित की जायेगी इकाई
वेदांता-फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम की डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग इकाई राज्य के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित की जायेगी. इस संयुक्त उद्यम में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमश: 60 और 40 प्रतिशत होगी. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘संयंत्र दो साल में उत्पादन शुरू कर देगा. गुजरात में यह सबसे बड़ा निवेश है. देश में हमारा यह पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र होगा. चिप्स के स्थानीय निर्माण से लैपटॉप और टैबलेट की कीमतों में कमी आएगी.’’ अनिल अग्रवाल ने हाल ही में सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक इंटरव्यू में कहा है कि आज एक अच्छे लैपटॉप की कीमत करीब 1 लाख रुपये है. ग्लस व सेमीकंडक्टर चिप भारत में बनने लगने के बाद ऐसे लैपटॉप की कीमत 40000 रुपये या उससे भी कम हो सकती है.
iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी जल्द
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि उनकी कंपनी महाराष्ट्र में Apple iPhone मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी. अनिल अग्रवाल ने CNBC TV18 को दिए एक इंटरव्यू के दौरान यह बात कही है. इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र में आईफोन और अन्य टेलिविजन इक्विपमेंट बनाने के लिए एक हब क्रिएट करेगी. साथ ही यह भी कहा कि जल्द ही उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के स्पेस में भी उतर सकती है.