वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
अभिनेत्री कृतिका कामरा कर रही चंदेरी बुनकरों की मदद
अभिनेत्री कृतिका कामरा ने 2020 में कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के दौरान जब मध्य प्रदेश में अपने होमटाउन का दौरा किया, तो उन्होंने चंदेरी में हथकरघा बुनकरों की दुर्दशा देखी। बुनकरों की इस हालत ने उन्हें और उनकी मां को परेशान कर दिया। बुनकरों से बात करने के बाद, मां-बेटी की जोड़ी ने चंदेरी साड़ी बेचने वाला एक इंस्टाग्राम स्टोर सिनाबार (Cinnabar) शुरू करने का फैसला किया।
अभिनेत्री कृतिका कामरा ने 2020 में कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के दौरान जब मध्य प्रदेश में अपने होमटाउन का दौरा किया, तो उन्होंने चंदेरी में हथकरघा बुनकरों की दुर्दशा देखी।
कृतिका YourStory से बातचीत में कहती हैं, “मैं मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर से हूं, जो चंदेरी के करीब है। मुझे उस जगह की स्थापत्य सुंदरता हमेशा पसंद आई है, जो काफी समृद्ध और जीवंत है। हम हमेशा चंदेरी से अपनी साड़ियां खरीदते हैं। लेकिन लॉकडाउन के दौरान बुनकरों की हालत वाकई बहुत खराब थी। उनके पास साड़ियों के स्टॉक के ढेर लगे थे, लेकिन वे उन्हें बेच नहीं सकते थे। इसका मतलब था कि उनके पास आजीविका का कोई साधन भी नहीं था।"
बुनकरों की इस हालत ने उन्हें और उनकी मां को परेशान कर दिया। बुनकरों से बात करने के बाद, मां-बेटी की जोड़ी ने चंदेरी साड़ी बेचने वाला एक इंस्टाग्राम स्टोर सिनाबार शुरू करने का फैसला किया।
कृतिका बताती हैं, “हम सालों से सीधे बुनकरों से साड़ी खरीद रहे हैं। सिनाबार चंदेरी के बुनकरों को सशक्त बनाने और उन्हें आय अर्जित करने और जीवन यापन करने के लिए एक मंच खोजने में मदद करने का एक तरीका है। हमने महसूस किया कि इन बुनकरों को कुछ महीनों के लिए पैसे या राशन देने से उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा। यह कुछ ऐसा होता कि हम घाव पर टांके लगाने की जगह बस एक बैंडेज लगा रहे हैं।”
कृतिका कहती हैं कि NIFT में पढ़ाई के दौरान मिले अनुभव ने उन्हें फैशन और व्यवसाय की बुनियादी समझ हासिल करने में मदद की।
टोक्यो ओलंपिक में फोटोग्राफी कर छाए सुकुमार
फोटोग्राफी को लेकर सुकुमार की यात्रा साल 1978 में चेन्नई में तब शुरू हुई जब वह अपनी पहली नौकरी कर रहे थे। एक शौक की तरह शुरू हुई यह यात्रा जल्द ही उनके पैशन में तब्दील हो गई। फोटोग्राफी को लेकर सुकुमार की दीवानगी कुछ ऐसी थी कि उस समय उन्होने अपने लिए एक नया कैमरा खरीदने के लिए बैंक से लोन भी लिया था।
अपने पैशन को जीना शुरू करने के लिए उम्र कोई बंधन नहीं है और इस बात को साबित कर दिखाया है एस सुकुमार ने, जो कभी बैंकर हुआ करते थे लेकिन अपने पैशन के प्रति जुनूनी सुकुमार ने समय से पहले ही रिटायरमेंट लेने का फैसला कर लिया था। सुकुमार की गिनती आज देश के जाने-माने एक्शन फोटोग्राफर्स में होती है।
66 साल के रिटायर्ड बैंकर सुकुमार ने इस साल हुए टोक्यो ओलंपिक को भी अपने कैमरे के जरिये कैप्चर किया था। ओलंपिक के दौरान सुकुमार ने बैडमिंटन, हॉकी, बॉक्सिंग और स्विमिंग आदि खेलों को कवर किया था। सुकुमार ने मीडिया से बात करते हुए अपनी इस यात्रा और इससे जुड़े अनुभवों को भी शेयर किया है।
सेसाद्री सुकुमार सचिन तेंदुलकर, लिओनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे महान खिलाड़ियों की तस्वीर अपने कैमरे के जरिये कैप्चर कर चुके हैं।
ओलंपिक से पहले सुकुमार तमाम बड़ी फुटबॉल लीग, कई क्रिकेट विश्वकप, ग्रैंड प्रिक्स मोटरसाइकल रेसिंग और एशियन गेम्स के पलों को भी अपने कैमरे में कैद कर चुके हैं। सुकुमार के अनुसार दुनिया के सबसे तेज धावक रहे जमैका के उसैन बोल्ट की तस्वीर खींचना भी उनके लिए सबसे खास पलों में से एक रहा है।
भारत में गांजा और भांग सोर्सिंग करने वाली लाइसेंस प्राप्त स्टार्टअप
औरिक सेनगुप्ता, गौरव लाडवाल और शुभम सौरभ द्वारा 2019 में स्थापित, Terraphilic भारत का पहला लाइसेंस प्राप्त भांग की खेती का स्टार्टअप है, जिसका अर्थ यह हुआ कि इसे कानूनी रूप से व्यावसायिक खपत के लिए भांग उगाने की अनुमति है।
स्टार्टअप के पास उत्तराखंड में दो एकड़ का खेत है, जहां वह वर्तमान में फ्रांस से कानूनी रूप से आयात किए गए बीजों से चुने हुए, नियामक-ग्रेड भांग की खेती कर रहा है।
राज्य के अधिकारियों द्वारा जंगली जगहों से काटे गए पौधों के मुकाबले ईमानदारी से पौधे को उगाने वाली टेराफिलिक जैसी कंपनी का उन स्टार्टअप पर बहुत गहरा असर है जो वर्तमान में भांग और गांजा-आधारित उत्पाद बेच रहे हैं। पौधे उगाने वाली एक निजी कंपनी न केवल गुणवत्ता को नियंत्रित कर सकती है, बल्कि इसे पूरे बोर्ड और सभी मौसमों में एक निश्चित मूल्य पर बेच सकती है, और लगातार एक मानकीकृत फसल का उत्पादन कर सकती है, यहां तक कि मांग बढ़ने पर आसानी से इसका विस्ताप भी कर सकती है।
औरिक YourStory को बताते हैं, "स्थानीय राज्य सरकार और नियामक निकायों को हमें निजी तौर पर गांजा की खेती करने की अनुमति देने के लिए मनाना एक कठिन काम था, लेकिन वे अब इस आइडिया के प्रति अधिक ग्रहणशील हो गए हैं कि देश में भांग उत्पादों के लिए रुचि बढ़ रही है।"
औरिक कहते हैं, "भारत में गांजा उत्पादक उद्योग पुराने नियमों के कारण बेहद खंडित है। निजी उत्पादक इस क्षेत्र को मजबूत कर सकते हैं और गांजा की खेती को अधिक आर्थिक रूप से लाभकारी बना सकते हैं और न केवल इस स्पेस में आने वाले स्टार्टअप को बेहतर उत्पाद प्रदान करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों को सकारात्मक तरीके से प्रभावित कर सकते हैं - जो कि शुरू से ही हमारा दृष्टिकोण रहा है।"
स्टार्टअप ने इस साल अप्रैल में अपना पहला बैच लगाया, जिसकी फसल अगस्त में होने की उम्मीद है। यह पौधों के कानूनी रूप से अनुमत भागों को सीधे प्रसंस्करण कंपनियों को बेचने की योजना बना रहा है जो तेल निकाल सकते हैं, और उनके लेबल के तहत गांजे के बीज, मध्य भाग और आटा पैकेज कर सकते हैं।
कंपनी ने पहले ही तीन बड़े ग्राहकों को जोड़ा है, जिनमें से दो अंतरराष्ट्रीय हैं - एक कोरियाई स्किनकेयर ब्रांड जो अपनी त्वचा देखभाल उत्पाद लाइन में गांजे का उपयोग करना चाहता है, और एक हांगकांग स्थित कंपनी है।
सप्लाई चेन के खेल को आगे बढ़ा रही भारतीय सेना की यह पूर्व अधिकारी
भारतीय सेना में कैप्टन से लेकर फ्लिपकार्ट की टेक-इनेबल्ड सप्लाई चेन का हिस्सा बनने तक, ज्योति बिष्ट ने बीते कुछ वर्षों में विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है और फ्लिपकार्ट की सप्लाई चेन को सक्रिय रूप से चलाने वाली कई महिलाओं में शामिल हैं। वह फ्लिपकार्ट के पश्चिम बंगाल पूर्ति केंद्र में काम कर रही है।
वह YourStory से बात करते हुए बताती है, "वह उनके और मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन था। मैं 2004 में एक लेफ्टिनेंट के रूप में सेना में शामिल हुई और ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई में ट्रेनिंग ली। गहन शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण ने मेरे व्यक्तित्व को बदल दिया। शर्मीली, छोटे शहर की लड़की से, मैं आश्वस्त हो गई और दुनिया का सामना करने के लिए तैयार हो गई।”
ज्योति की पहली पोस्टिंग लद्दाख के कारगिल सेक्टर में हुई थी, जहां उन्होंने सेना के सप्लाई चेन डिपार्टमेंट में अपनी यात्रा शुरू की, कारगिल, द्रास और सियाचिन (जिसे दुनिया में सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र के रूप में जाना जाता है) में काम किया।
ज्योति बताती हैं, “देश भर में आठ केंद्रीय आयुध डिपो (central ordnance depots) हैं, जो भारतीय सेना के लिए सभी आवश्यकताओं की सप्लाई करते हैं। इन डिपो से, सेना के लिए आवश्यक सभी सामग्री, जैसे कपड़े, टैंक, मशीन, हथियार और गोला-बारूद, कारगिल और द्रास भेजे गए थे।”
इन सबसे ऊपर, लगभग 900 पुरुषों की यूनिट में ज्योति अकेली महिला थीं। लद्दाख में अपने कार्यकाल के बाद, उन्होंने कॉलेज ऑफ मैटेरियल्स मैनेजमेंट में एक हायर सप्लाई चेन मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला लिया।
उन्होंने 2010 में शादी की और 2014 में सेना छोड़ दी जब वह अपने पहले बच्चे के साथ गर्भवती थी। उन्होंने दो साल का ब्रेक लिया और एक शिक्षक के रूप में आर्मी स्कूल में शामिल हुईं जब उनके पति पठानकोट में तैनात थे।
फ्लिपकार्ट में उनका प्रवेश संयोग से हुआ। एक दोस्त ने उन्हें कंपनी में करियर की संभावनाओं के बारे में बताया और वर्क-लाइफ के बीच संतुलन के बारे में बताया। इस साल मार्च में, ज्योति
में शामिल हुई और पश्चिम बंगाल में इसकी सबसे व्यापक सुविधाओं में से एक में ऑपरेशंस मैनेजर के रूप में काम करती है। वह यह सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है कि ग्राहकों के शिपमेंट को प्रोसेस, पैक और सबसे तेज़ तरीके से भेज दिया जाए।सबसे कम उम्र की महिला RJ
समानिया भट्ट ने मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 250 अन्य उम्मीदवारों के साथ रेडियो जॉकी (RJ) की जॉब के लिए अप्लाई किया था जिसके बाद उनका तीन अन्य पुरुष प्रतिभागियों के साथ चयन हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला की 20 वर्षीय समानिया भट्ट उत्तरी कश्मीर की सबसे कम उम्र की महिला रेडियो जॉकी (RJ) बन गई हैं।
मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन कर चुकी भट वर्तमान में रेडियो चिनार 90.4 एफएम में कार्यरत हैं। यह सोपोर में स्थित उत्तरी कश्मीर का पहला रेडियो स्टेशन है। उन्होंने 250 अन्य उम्मीदवारों के साथ इस जॉब के लिए अप्लाई किया था, जिसके बाद 3 अन्य पुरुष प्रतिभागियों के साथ उनका चयन हुआ है।
वह रेडियो चिनार (Radio Chinar) पर 'हल्ला बोल विद आरजे समानिया' (Halla Bol with RJ Samaniya) नाम से एक प्रोग्राम चलाती हैं।
समानिया ने कहा, "बचपन से पत्रकारिता मेरा जुनून था। मैं तीन साल से 'कश्मीर डिस्पैच' के साथ काम कर रही हूं और जमीनी स्तर पर भी काम किया है। जब मुझे पता चला कि रेडियो चिनार का उत्तर कश्मीर में पहला रेडियो स्टेशन होगा, मैंने इसमें ट्राई करने के बारे में सोचा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं रेडियो जॉकी (Radio Jockey) बनूंगी या मैं कभी भी रेडियो स्टेशन में काम करूंगी।"
अपनी पढ़ाई और रेडियो चिनार में सेलेक्शन के बारे में बताते हुए आगे कहा, "मैंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, बारामूला से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन पूरा किया है। जिसके बाद 250 अन्य लोगों के बीच आरजे की नौकरी के लिए आवेदन किया और मेरा चयन हो गया। उन्होंने बताया कि उनका तीन अन्य पुरुष प्रतिभागियों के साथ चयन हुआ है।"
YourStory की फ्लैगशिप स्टार्टअप-टेक और लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 25-30 अक्टूबर, 2021 को अपने 13वें संस्करण के साथ शुरू होने जा रही है। TechSparks के बारे में अधिक अपडेट्स पाने के लिए साइन अप करें या पार्टनरशिप और स्पीकर के अवसरों में अपनी रुचि व्यक्त करने के लिए यहां साइन अप करें।
TechSparks 2021 के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए यहां क्लिक करें।
Tech30 2021 के लिए आवेदन अब खुले हैं, जो भारत के 30 सबसे होनहार टेक स्टार्टअप्स की सूची है। Tech30 2021 स्टार्टअप बनने के लिए यहां शुरुआती चरण के स्टार्टअप के लिए अप्लाई करें या नॉमिनेट करें।