पहले Hindenburg.. अब The Ken, जानिए क्या है ये जिसकी रिपोर्ट से औंधे मुंह गिरे अडानी के शेयर
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक उनकी दौलत तेजी से गिरती ही जा रही है. अब The Ken की रिपोर्ट के चलते गौतम अडानी के शेयर औंधे मुंह गिरे हैं. हालांकि, जिस खबर के चलते शेयर गिरे थे, उस पर अब अडानी ग्रुप ने सफाई दी है.
हाइलाइट्स
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक उनकी दौलत तेजी से गिरती ही जा रही है.
अब The Ken की रिपोर्ट के चलते गौतम अडानी के शेयर औंधे मुंह गिरे हैं.
हालांकि, जिस खबर के चलते शेयर गिरे थे, उस पर अब अडानी ग्रुप ने सफाई दी है.
गौतम अडानी (Gautam Adani) की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Report) आने के बाद से अब तक उनकी दौलत तेजी से गिरती ही जा रही है. पिछले दिनों में हालात थोड़ा सुधरते लगे थे, लेकिन इसी बीच फिर से एक ऐसी रिपोर्ट (
Report) आई, जिसके चलते सारे शेयर औंधे मुंह गिर गए. आज यानी 29 मार्च को भी कई शेयरों में बाजार खुलते ही लोअर सर्किट लग गया. हालांकि, जिस खबर की वजह से शेयर बुरी तरह टूटे थे, उस पर कंपनी (Adani Group) की तरफ से सफाई दी गई है. आइए समझते हैं पूरा मामला क्या है और कैसे शेयरों पर हो रहा बड़ा असर.किस रिपोर्ट की वजह से गिरे अडानी ग्रुप के शेयर?
यहां जिस रिपोर्ट की बात हो रही है, उसे The Ken न्यूज वेबसाइट ने पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रुप ने पिछले दिनों शेयर के बदले लिए गए जिस पूरे लोन को चुकाने का दावा किया था, वह गलत है. अडानी ग्रुप ने कहा था कि कपंनी के शेयर गिरवी रखकर लिए गए 2.15 अरब डॉलर के लोन को पूरा चुकता कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार अभी भी प्रमोटर्स के बहुत सारे शेयर बैंकों को पास गिरवी पड़े हैं, जो दिखाते हैं कि कंपनी ने अभी तक सारा लोन नहीं चुकाया है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि कंपनी ने सिर्फ अतिरिक्त शेयर गिरवी रखने से बचने के लिए एक छोटा हिस्सा चुकाया है, ताकि बैंक की तरफ से कोई एक्शन ना लिया जाए. कहा गया है कि लोन चुकाने की घोषणा के बाद सिर्फ अडानी पोर्ट्स के गिरवी रखे शेयरों को रिलीज किया गया है.
आखिर क्या है The Ken?
The Ken बेंगलुरु का एक मीडिया हाउस है, जो पूरे एशिया में डिजिटल मीडिया के जरिए अपनी सेवाएं देता है. यह एक सब्सक्रिप्शन आधारित पब्लिकेशन हाउस है. यानी इस पर छपी खबरों को पढ़ने के लिए आपको इसका सब्सक्रिप्शन लेना ही होगा. इसकी शुरुआत अनुभवी पत्रकारों और आंत्रप्रेन्योर्स ने की है. अक्टूबर 2016 में इसकी शुरुआत हुई थी. जहां एक ओर तमाम मीडिया हाउस हर रोज सैकड़ों के हिसाब से खबरें छापते हैं, यह मीडिया हाउस रोजाना सिर्फ एक स्टोरी पब्लिश करता है. हालांकि, वह स्टोरी ओरिजनल, एनालिटिकल, गहराई से रिसर्च की हुई होती है. इस प्लेटफॉर्म पर जो स्टोरी छपती हैं वह सिर्फ कंपनी के सब्सक्राइबर्स के लिए होती हैं. पेटीएम के विजय शेखर शर्मा ने भी इस कंपनी में निवेश किया हुआ है.
इस रिपोर्ट से कितना गिरे अडानी ग्रुप के शेयर?
मंगलवार को अडानी ग्रुप की सभी 10 कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली. अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस में तो 5 फीसदी का लोअर सर्किट ही लग गया. वहीं अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 7.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली. अडानी पोर्ट्स में भी 5 फीसदी के करीब की गिरावट देखने को मिली. गौतम अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट की वजह से अभी अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 50 हजार करोड़ रुपये से भी नीचे आ गया है और 49,400 करोड़ रुपये हो गया है.
तो क्या वाकई अडानी ग्रुप ने लोन चुकाकर शेयर नहीं छुड़ाए?
अगर The Ken की रिपोर्ट की बात करें तो रेगुलेटरी फाइलिंग्स से उसे मिली जानकारी बिल्कुल सही है. हालांकि, अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने ट्वीट करते हुए इस रिपोर्ट को खारिज किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि रिपोर्ट में फैक्ट्स को गलत तरीके से दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि मीडिया हाउस को भी पता है कि एक्सचेंज किसी भी तिमाही के आखिरी में डेटा अपडेट करते हैं. जैसे ही तिमाही के अंत में एक्सचेंज सारा डेटा अपडेट करेंगे, सब कुछ साफ हो जाएगा.
एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स भी बने गिरावट की वजह
अडानी ग्रुप ने ACC, Ambuja Cements से जुड़े लोन के पेमेंट के लिए कुछ और समय मांगा है. ग्रुप ने पिछले साल अगस्त में 4 अरब डॉलर (करीब 32,900 करोड़ रुपये) का लोन लिया था. इससे जुड़े टर्म और कंडीशन को लेकर निगोशिएशन किए जा रहे हैं. लोन चुकाने की अवधि को बढ़ाकर 5 साल किए जाने की बात हो रही है तो अभी करीब 2 साल है. बता दें कि पिछले दिनों अडानी ग्रुप ने कहा था कि उसकी वित्तीय हालत बहुत अच्छी है, इसलिए वह आसानी से लोन चुका पा रही है. वहीं अब लोन चुकाने की अवधि बढ़ाए जाने की बात से निवेशक थोड़ा चिंता में है.
अडानी के शेयरों में गिरावट का इजराइल कनेक्शन भी जान लीजिए
इतना ही नहीं, इजराइल में इन दिनों जो विरोध प्रदर्शन चल रहा है, उसकी वजह से वहां के दो पोर्ट्स पर काम रोक दिया गया है. इनमें से एक है हाइफा पोर्ट, जिसमें अडानी ग्रुप की 70 फीसदी की हिस्सेदारी है. अभी ये भी नहीं समझ आ रहा है कि यह विरोध प्रदर्शन कब तक चलेंगे, जिससे भी अडानी ग्रुप के शेयरों पर दबाव है.