कभी 25 हजार कमाने की भी नहीं थी उम्मीद आज 200 करोड़ का है टर्नओवर, कुछ ऐसी है नेचर एसेंस की कहानी
ये काफी दिलचस्प है कि कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के ग्लोबल मार्केट में लोरियल (L'Oreal), प्रोक्टर एंड गैंबल (Procter & Gamble), यूनीलीवर (Unilever), रेवलॉन (Revlon Inc) जैसे दिग्गजों के बावजूद कई छोटे भारतीय ब्रांड्स हैं जो भारतीय मार्केट में फल फूल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स की मार्केट वैल्यू 2023 तक 805.61 बिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है।
भारत कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के लिए सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। 2025 तक यह बाजार 20 बिलियन डॉलर की धमाकेदार तेजी से बढ़ने के लिए तैयार है। यह अनुमान लगाया जाता है कि कॉस्मेटिक व अन्य पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की वार्षिक खुदरा बिक्री सालाना 15 से 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इस हिसाब से भारतीय बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती घरेलू मांग में से है। गोल्डस्टीन रिसर्च के अनुसार, यह मांग "लोगों की हाई पर्सनल डिस्पोजेबल इनकम, शरीर सौंदर्यशास्त्र के प्रति बढ़ती जागरूकता, हर्बल कॉस्मेटिक उत्पादों की बढ़ती मांग" के चलते बढ़ रही है। और इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय ब्रांड लगातार अच्छा कर रहे हैं और बाजार में मौजूद दिग्गजों से टक्कर ले रहे हैं।
राज कुमार नंदा और उनकी पत्नी नीलम नंदा ने 20 साल पहले नेचर एसेंस (Nature’s Essence) शुरू किया था। पिछले साल, वेंचर फंड समारा कैपिटल ने दिल्ली स्थित इस कंपनी में 200 करोड़ रुपये का निवेश करके एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदी।
मार्केटिंग हैक
योरस्टोरी ने दिल्ली में नीलम नंदा से एक प्रदर्शनी में मुलाकात की जहाँ उन्होंने एक स्टॉल लगाया था। जब उन्होंने और उनके पति ने इस बिजनेस को शुरू किया था तब के उन शुरुआती वर्षों को याद करते हुए, नीलम कहती है कि उन्हें मार्केटिंग के बारे में कुछ नहीं पता था। हालांकि, वह कहती हैं कि उन्होंने मार्केटिंग के एक पहलू को चुना और वह था प्रदर्शनियों में स्टॉल लगाना। वह याद करती हैं कि कैसे उन्होंने नौ मीटर की एक स्टाल स्पेस के साथ शुरुआत की थी। वह बताती हैं कि उसके बाद जल्द ही वे बड़े स्टेज पर पहुंच गईं और उन्होंने 200 वर्ग मीटर की स्टॉल लगाना शुरू किया।
मजेदार बात ये है कि जब उनके मैनेजर बस या ट्रेन की बजाय हवाई यात्रा करने लगे तब उन्हें लगा कि उनकी कंपनी चल पड़ी है। नीलम कहती हैं, "जब मेरे मैनेजर हवाई जहाज में सैर करने लगे तब मुझे लगा कि अब यह (कंपनी) अपने पैर पर खड़ी हो गई है।"
देश भर में विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से बिक्री जारी रखने के अलावा, नेचर एसेंस के प्रोडक्ट्स को दो लाख से अधिक खुदरा दुकानों और 40,000 सैलून में डिस्ट्रीब्यूटर्स के एक टाइट नेटवर्क के माध्यम से बेचा जाता है।
कंपनी के बयान के अनुसार, वह 150 करोड़ रुपये की बिक्री करती है और प्रति वर्ष 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वर्तमान में, कंपनी की चार विनिर्माण इकाइयाँ हैं और इसमें लगभग 1,500 लोग कार्यरत हैं। रिवेन्यू के बारे में जानकारी साझा करते हुए, नीलम का कहती हैं कि उनका वार्षिक कारोबार 200 करोड़ रुपये का है, लेकिन जब उन्होंने 20 साल पहले इसे शुरू किया था तब उन्हें ये भी उम्मीद नहीं थी वे 25,000 रुपये कमा पाएंगी।
धीमा लेकिन स्थिर
नेचर एसेंस चेहरे की देखभाल करने वाले प्रोडक्ट्स (फेस केयर प्रोडक्ट्स) का निर्माण करता है, जिसमें फेशियल किट, फेस वाश, क्रीम, जैल और लोशन शामिल हैं। नीलम कहती हैं कि उनकी बिजनेस जर्नी शुरू होने से पहले, वे और उनके पति दोनों अलग-अलग जॉब करते थे। नीलम कहती हैं, "पहले, मेरे पति ने अपनी नौकरी छोड़ दी और फिर जब मैंने देखा कि इसने रफ्तार पकड़ ली है, तो मैंने भी उनका साथ दिया।"
राज कुमार नंदा ने केमिस्ट्री में एमएससी की है और मार्केटिंग में काम करते थे। नीलम का कहना है कि उनके पति के पास ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ मार्केटिंग दोनों का अनुभव था और इसलिए उन्होंने नेचर एसेंस शुरू करने का फैसला किया। कंपनी आज श्रीलंका, नेपाल, दुबई में एक्सपोर्ट करती है, और कुछ और देशों को कवर करने की योजना है।