बजट 2019 : मिडिल क्लास क्लीन बोल्ड, अपर क्लास को रन आउट
"बजट-2019 ने वैसे तो मिडिल क्लास को क्लीन बोल्ड और अपर क्लास को रन आउट कर दिया है लेकिन स्टार्टअप सेक्टर को रिझाने पर एक खास जोर इस बजट में देखा गया है। जो स्टार्टअप टैक्स डिक्लेरेशन फाइल करेंगे, उनके द्वारा जुटाए गए फंड के मामले में आयकर किसी तरह की जांच नहीं करेगा।"
सन् 2008 के बाद से अब तक दुनिया में ऋण का स्तर 60 फीसदी से भी आगे निकल चुका है। अर्थव्यवस्थाओं में 'बैड लोन' सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है। करीब 1,82,000 करोड़ डॉलर सरकारी और निजी क्षेत्रों में ऋण के तौर पर फंसे हुए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है तो क्या हमारे पास कर्ज की भरपाई करने के लिए पूंजी होगी? ऐसे दौर में भारी जनादेश के साथ आई मोदी सरकार के सामने देश की अर्थव्यवस्था को गति देने, किसानों की हालत में सुधार करने, रोजगार सृजन और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौतियों के बीच शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट भाषण में सशक्त राष्ट्र, सशक्त नागरिक के सिद्धांत पर जोर देते हुए दावा किया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की अर्थव्यवस्था 3,000 अरब डॉलर की हो जाएगी।
इससे ठीक एक दिन पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में देश को 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य घोषित किया गया था। वित्त मंत्री भारतीय रेलवे पर कहती हैं कि ट्रैक, रेल इंजन, कोच और वैगन निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी को अपनाया जाएगा। इसके लिए 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है। यह देखते हुए कि रेलवे का पूंजीगत व्यय 1.5 से 1.6 लाख करोड़ प्रति वर्ष है, सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने में दशकों लगेंगे।
इस बार के बजट के साथ कई अलग दृश्य देश के सामने उभरे। मसलन, सीतारमण से पहले इंदिरा गांधी ने भी बजट पेश किया था लेकिन सीतारमण भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं। बजट पेश करने से पहले निर्मला सीतारमण पारंपरिक ब्रीफकेस की जगह लाल रंग के कपड़े में लिपटे बजट दस्तावेज के साथ सदन पहुंचीं। कपड़े के ऊपर अशोक स्तंभ भी बना था और यह बहीखाता पीले और लाल धागे से बंधा हुआ था। इस दौरान वे खुद भी पिंक साड़ी में गोल्डन बॉर्डर के साथ नजर आईं।
मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम ने लाल कपड़े में बजट दस्तावेज पेश करने पर कहा है कि यह पश्चिमी प्रथा की गुलामी से प्रस्थान है। भारतीय व्यापारी पारंपरिक रूप से अपने व्यापार का हिसाब रखने के लिए बहीखाते का ही इस्तेमाल करते रहे हैं। हमारी सरकार ने अंग्रेजों की बजट को ब्रीफकेस में लेकर संसद आने की परंपरा को बदल दिया है, जो कि करीब 159 साल पुरानी थी। 7 अप्रैल 1860 को देश का पहला बजट ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। तभी से ब्रीफकेस की परंपरा चली आ रही थी। लाल कपड़े में बजट पेश करना भारतीय परंपरा है। यह 'बेटी' वित्त मंत्री के परिवार के लिए भी गर्व का पल रहा, जब बजट सुनने के लिए उनके माता-पिता भी संसद भवन में मौजूद रहे।
इस बजट की एक सबसे ख़ास बात यह रही कि वित्त मंत्री ने इस बार किस मद में, कितना पैसा ख़र्च किया जाएगा, इसका कोई ज़िक्र नहीं किया। उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की योजनाओं की तारीफ़ करते हुए भविष्य में क्या योजनाएं हैं, इसका एक ख़ाका खींचा। तमिल युक्तियों समेत उन्होंने चाणक्य नीति का ज़िक्र भी किया और मंज़ूर हाशमी का शेर भी पढ़ा- 'यक़ीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी लेकर चराग़ जलता है।' हर साल बजट से पहले आम आदमी की जुबान पर एक ही सवाल तैरता है कि इस बार क्या सस्ता, क्या महंगा होगा? तो इस बार के आम बजट में रक्षा उपकरण, चमड़े का सामान, इलेक्ट्रिक वाहन, 45 लाख रुपए तक का घर सस्ता होने का ऐलान हुआ है। इसके साथ ही सोना, सीसीटीवी, ऑटो पार्ट्स, मार्बल टाइल्स, पीवीसी, किताबें, पेट्रोल-डीजल, काजू, मेटल फिटिंग, सिंथेटिक रबर, डिजिटल वीडियो कैमरा आदि महंगे होने के संकेत हैं।
इस बार बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक रुपया एक्साइज ड्यूटी लगाने की घोषणा की गई है। इसके चलते पेट्रोल और डीजल एक रुपए महंगे हो जाएंगे, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। इसके चलते इस तरह के वाहन सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा, सोने और बेशकीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दी गई है। जिसके बाद अब ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे। देश में नहीं बनने वाले रक्षा उत्पाद सीमा शुल्क से मुक्त रहेंगे जबकि, 45 लाख रुपए तक के हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूट 2 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए कर दी गई है। इससे मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में फायदा होगा। दूसरी ओर मध्यम वर्ग को आयकर में कोई छूट नहीं दी गई है। सरकार ने धनाढ्य वर्ग पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है।
आम बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ़डीआई) बढ़ाने की बात कही गई है। उड्डयन, इंश्योरेंस, मीडिया और एनिमेशन सेक्टर में 100 फ़ीसदी एफ़डीआई करने का प्रस्ताव है। सरकार ने एक लाख 25 हज़ार किलोमीटर सड़क के विस्तार की बात भी कही है जिसके तहत अगले पांच सालों में 11.6 अरब डॉलर रुपये ख़र्च होंगे। वित्त मंत्री ने पेट्रोल और डीज़ल पर प्रति लीटर एक रुपये एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया है। कुल मिलाकर इस बार के आम बजट में मिडिल क्लास क्लीन बोल्ड हो गया है लेकिन यह यह कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला बजट माना जा रहा है। इसके अलावा इस बजट ने अपर क्लास को रन आउट कर दिया।
बजट में कुछ अन्य प्रमुख उल्लेखनीय बातें रही हैं। मसलन, देश में 120 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार कार्ड है। जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार कार्ड से इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं। कैश में बिजनेस पेमेंट्स करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए एक बैंक खाते से साल में 1 करोड़ से ज्यादा निकालने पर 2 प्रतिशत का टीडीएस लगेगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए अगर कर्ज लिया गया है तो उसका ब्याज चुकाने पर आयकर में 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। जो स्टार्टअप टैक्स डिक्लेरेशन फाइल करेंगे, उनके द्वारा जुटाए गए फंड के मामले में आयकर किसी तरह की जांच नहीं करेगा।