अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले 65,000 के पार, 1000 से अधिक लोगों की मौत, भारतीय-अमेरिकी होटल मालिकों ने भारतीय छात्रों को नि:शुल्क ठहराने की पेशकश की
अमेरिका में कोरोना वायरस से पहली मौत का मामला वाशिंगटन से सामने आया है। वहां संक्रमित लोगों की संख्या 2,588 है और 130 लोग जान गंवा चुके हैं। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि वह न्यूयॉर्क शहर को इस चुनौती से बाहर निकालने के लिए अपनी शक्ति के तहत हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
वाशिंगटन, अमेरिका में घातक कोरोना वायरस के मामले 65,000 के पार होने और 1,000 से अधिक लोगों की मौत होने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस वैश्विक महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों के लिए जन स्वास्थ्य पर आपदा संबंधी बड़ी घोषणाओं को मंजूरी दी है।
जॉन्स हॉप्किन्स कोरोना वायरस ट्रैकर के अनुसार, अमेरिका में कोरोना वायरस से 1,031 लोगों की मौत हो चुकी है और 68,572 लोग संक्रमित हैं। चीन और इटली के बाद सबसे अधिक संक्रमण के मामलों में अमेरिका तीसरे नंबर पर है। राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के साथ ही राष्ट्रपति ने न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, आयोवा, लुइसियाना, नॉर्थ कैरोलिना, टेक्सास और फ्लोरिडा के लिए प्रमुख आपदा घोषणाओं को मंजूरी दी है।
हाल के इतिहास में संभवत: यह पहली बार है जब छह से अधिक राज्यों में जन स्वास्थ्य पर प्रमुख आपदा घोषणाओं को मंजूरी दी गई है। न्यूयॉर्क शहर में हालात बदतर होते जा रहे हैं। यह शहर देश में कोविड-19 का केंद्र बन चुका है। मंगलवार तक न्यूयॉर्क में संक्रमित लोगों की संख्या 30,000 को पार कर गई और कम से कम 285 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा न्यू जर्सी में 4,402 मामले सामने आए और 62 लोगों की मौत हुई। कैलिफोर्निया में करीब 3000 मामले सामने आए और 65 लोगों की मौत हो गई। ये सभी राज्य लॉकडाउन (बंद) हैं।
अमेरिका में कोरोना वायरस से पहली मौत का मामला वाशिंगटन से सामने आया है। वहां संक्रमित लोगों की संख्या 2,588 है और 130 लोग जान गंवा चुके हैं। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि वह न्यूयॉर्क शहर को इस चुनौती से बाहर निकालने के लिए अपनी शक्ति के तहत हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन देश भर में बड़े पैमाने पर कोविड-19 की जांच कर रहा है। 10 करोड़ से अधिक अमेरिकी बंद जैसे हालात में रह रहे हैं जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर विध्वंसकारी असर पड़ रहा है।
अमेरिका में सीनेट नेताओं और व्हाइट हाउस के बीच बुधवार को अर्थव्यवस्था को 2,000 अरब डालर का प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने के प्रावधान वाले विधेयक पर सहमति बन गई। इस पैकेज के जरिए अमेरिकियों के हाथ में सीधे नकदी पहुंचाई जायेगी, छोटे कारोबारियों को अनुदान मिलेगा और बड़ी कंपनियों को अरबों डॉलर का कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही बेरोजगार लाभों का भी विस्तार किया जायेगा।
इस बीच, अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए विदेशों में अमेरिकी सेना और सिविल रक्षा कर्मचारियों की गतिविधि पर 60 दिन की रोक लगाने का आदेश दिया है। इस कदम से करीब 90,000 अमेरिकी सेवा सदस्यों की तैनाती या पुन: तैनाती अगले दो महीनों के लिए रुक जाएगी।
पेंटागन ने बुधवार को एक बयान में कहा,
‘‘यह कदम अमेरिकी कर्मियों की रक्षा करने और हमारे वैश्विक बल की संचालनात्मक तत्परता की रक्षा करने के वास्ते कोरोना वायरस बीमारी को फैलने से रोकने में मदद के लिए उठाया गया है।’’
उधर दूसरी तरफ कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन (बंद) जैसे कदम उठाए जाने के बाद अमेरिका में फंसे भारतीय छात्रों की मदद के लिए भारतीय-अमेरिकी होटल मालिक आगे आए हैं और उन्होंने छात्रों को नि:शुल्क ठहराने और कुछ मामलों में भोजन की पेशकश की है। अपने हॉस्टल खाली करने के लिए कहने और भारत द्वारा कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण 22 मार्च से एक हफ्ते के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाने के कारण कई छात्रों के सिर पर छत भी नहीं रही है। भारतीय दूतावास की अपील के बाद बुधवार तक उन्हें करीब 700 होटलों में 6,000 से अधिक कमरों में रहने की पेशकश की गई।
भारतीय दूतावास अमेरिका में भारतीय छात्रों के लिए पिछले हफ्ते से ही चौबीसों घंटे हेल्पलाइन चला रहा है। देश में 2,50,000 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। ज्यादातर जिन होटलों की पेशकश की गई है वे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के आसपास हैं लेकिन समुदाय के नेताओं की अपील के बाद देशभर में बड़ी संख्या में होटल मालिक आगे आए हैं।
अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने ट्वीट किया,
‘‘यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय, भारतीय अमेरिकी और अन्य होटल मालिक संकट के इस समय में लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। एक साथ मिलकर हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं।’’
शिकागो स्थित समुदाय के नेता नीरव पटेल ने पीटीआई-भाषा से कहा,
‘‘भारतीय समुदाय छात्रों की मदद के लिए एक साथ आया है और कई होटल मालिकों ने उन्हें नि:शुल्क कमरे देने की पेशकश की है। उनमें से कई इन छात्रों को मुफ्त में भोजन भी दे रहे हैं।’’
होटल चलाने वाले भारतीय-अमेरिकी दंपत्ति के. के. मेहता और चंद्रा मेहता ने न्यूयॉर्क शहर में टाइम्स स्क्वायर और बार्कलेज सेंटर के समीप स्थित अपने दो प्रमुख होटलों में भारतीय छात्रों को 100 से अधिक कमरों की पेशकश की है। होटलों की तरफ से प्रेम भंडारी ने बताया कि न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस संबंध में उनसे दस दिन पहले संपर्क किया था।
भंडारी ने कहा,
‘‘ये छात्र भारत और अमेरिका दोनों का भविष्य हैं। सभी शीर्ष भारतीय अमेरिकी सीईओ, वैज्ञानिक और डॉक्टर छात्र के तौर पर इस देश में आते हैं। यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि अपने संसाधनों से उनकी मदद की जाए।’’
एएएचओए अपर मिडवेस्ट के क्षेत्रीय निदेशक कल्पेश जोशी ने कहा,
‘‘भारतीय दूतावास और उसके वाणिज्य दूतावास इन छात्रों को कमरे दिलाने के लिए अथक लगातार काम कर रहे हैं।’’
एशियन अमेरिकन स्टोर ऑनर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष फ्लोरिडा के विपुल पटेल ने कहा कि भारतीय छात्रों के लिए भारतीय अमेरिकी होटल मालिकों की ओर से भरपूर समर्थन आ रहा है।
उन्होंने कहा,
‘‘मुझे एक भी होटल मालिक ऐसा नहीं मिला जिसने हमें न कहा हो।’’
कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया (नॉर्थ अमेरिका) ने कहा कि जो भी वित्तीय मुश्किल का सामना कर रहा है उसे या तो निशुल्क होटल में ठहराया जाएगा या किराया 50 डॉलर से अधिक का नहीं होगा। छात्रों को भारतीय दूतावास और ह्यूस्टन, शिकागो, अटलांटा, सैन फ्रांसिस्को और न्यूयॉर्क में उसके वाणिज्य दूतावासों की सिफारिश पर कमरे आवंटित किए जाएंगे।
एशियन अमेरिकन होटल ऑनर्स एसोसिएशन अपर मिडवेस्ट के क्षेत्रीय निदेशक कल्पेश जोशी ने कहा कि शुरुआत में छात्रों से 20-25 डॉलर प्रति दिन का सुविधा शुल्क लेने का सुझाव था लेकिन जब उनमें से कुछ ने निशुल्क कमरे और भोजन देने की पेशकश दी तो हर कोई इस पर राजी हो गया।