भारत की पहली महिला शिरीन मैथ्यूज अमेरिका में फेडरल जज
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित किए जाने के बाद भारतीय-अमेरिकी वकील शिरीन मैथ्यूज अमेरिका की फेडरल जज बनने जा रही हैं। अमरीका में वह एशिया-पैसिफिक क्षेत्र की ऐसी पहली महिला और भारतीय-अमेरिकी नागरिक होंगी, जो जज बनेंगी। एनएपीएबीए में मैथ्यूज को नामित करने पर राष्ट्रपति ट्रंप सराहे जा रहे हैं।
अलग-अलग कार्यक्षेत्र में अपनी सफलता के परचम लहरा रहीं भारतीय मूल की महिलाएं लगातार अपने देश का नाम ऊंचा कर रही हैं। इसी क्रम में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित किए जाने के बाद भारतीय-अमरीकी वकील शिरीन मैथ्यूज अमेरिका की फेडरल जज बनने जा रही हैं। व्हाइट हाउस की ओर से सैन डिएगो में सदर्न कैलिफोर्निया के दक्षिणी जिला संघीय अदालत में उनका नामांकन घोषित किया गया। उनकी नियुक्ति को सीनेट द्वारा अनुमोदित किया जाना बाकी है। ट्रंप द्वारा विभिन्न स्तरों पर संघीय न्यायपालिका में नामित वह छठी भारतीय-अमेरिकी हैं।
शिरीन मैथ्यूज अमरीका के एक बड़ी लॉ फर्म जोन्स डे के साथ जुड़ी हुई हैं, जहां वह व्हाइट कॉलर अपराधों से जुड़े केस लड़ती हैं। इससे पूर्व वह कैलिफोर्निया में एक सहायक संघीय अभियोजक थीं, जहां आपराधिक, स्वास्थ्य देखभाल, धोखाधड़ी मामलों के समन्वयक के रूप में कार्यरत रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में भारतीय महिलाएं महत्वपूर्ण स्थान लेती जा रही हैं। फोर्ब्स मैग्जीन ने इसी साल अमेरिका की 80 ऐसी धनी महिलाओं की सूची जारी की थी, जिन्होंने अमेरिका में खुद ही अपनी किस्मत गढ़ी। इस सूची में भारतीय मूल की तीन महिलाओं अरिस्टा नेटवर्क्स की सीईओ जयश्री उल्लाल, आईटी क्षेत्र की कंपनी सिंटेल की सह-संस्थापक नीरजा सेठी और कंफ्लुएंट की सह-संस्थापक नेहा नरखेड़े को भी स्थान मिला।
पिछले साल फोर्ब्स ने अमेरिका में टेक क्षेत्र की दिग्गज 50 महिलाओं की सूची जारी की थी, जिनमें से चार भारतीय मूल की महिलाएं सिस्को की पूर्व मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी पद्मश्री वॉरियर, उबर की वरिष्ठ निदेशक कोमल मंगतानी, पहचान प्रबंधन कंपनी ड्राब्रिज की संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कामाक्षी शिवराम कृष्णन आदि उल्लेखनीय रहीं। इसी तरह पोलिटिको ने 2018 की पहली पॉवर लिस्ट में भारतीय मूल की अमेरिकी महिला सांसद प्रमिला जयपाल को शामिल किया।
शिरीन मैथ्यूज जब अभियोजक थीं तो चुराए गए चिकित्सा उपकरणों में एक मिलियन डालर की धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए सामाजिक सुरक्षा (सामान्य सार्वजनिक पेंशन) ट्रस्ट फंड के लिए उच्चतम पुनर्स्थापन पुरस्कार जीता था। मैथ्यूज ने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और ड्यूक यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून की डिग्री हासिल की थी। एनएपीएबीए के अध्यक्ष डेनियल साकागुची कहते हैं- शिरीन मैथ्यूज एक अनुभवी अटॉर्नी हैं। उन्हें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों का ज्ञान है। वह कैलिफोर्निया की बेंच से जुड़ने के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं। एनएपीएबीए में मैथ्यूज को नामित करने के लिए ट्रंप की सराहना की जा रही है।
नेशनल एशियन पैसिफिक अमेरिकन बार असोसिएशन (एनएपीएबीए) का कहना है कि वर्तमान में सैन डिएगो में देश की पांचवीं
सबसे बड़ी कानूनी कंपनी जोन्स डे में पार्टनर मैथ्यूज संघीय न्यायाधीश के तौर पर काम करने वाली पहली एशियाई प्रशांत अमेरिकी महिला और पहली भारतीय-अमेरिकी होंगी। न्यायाधीश अच्छे व्यवहार के कारण ये पद धारण करते हैं। कुछ परिस्थितियों को छोड़कर उनकी नियुक्ति जीवनभर के लिए होती है। इन न्यायाधीशों को प्रतिनिधि सभा द्वारा महाभियोग के माध्यम से और सीनेट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद ही पद से हटाया जा सकता है।
साउथ एशिया बार एसोसिएशन (एसएबीए) के अध्यक्ष अनीश ने इसे एक 'ऐतिहासिक नामांकन' बताया और सीनेट से जल्द ही उनके नाम पर मुहर लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि एक और योग्य दक्षिण एशियाई आवाज न्यायपालिका से जुड़ने की हकदार है। मैथ्यूज 'एसबीए नॉर्थ अमेरिका बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स' में अपनी सेवा दे चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि आर्टिकल थर्ड जज को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव द्वारा महाभियोग से और सीनेट में दोषी पाए जाने के बाद ही हटाया जा सकता है।