बीते हफ्ते प्रकाशित हुई हैं ये खास स्टोरीज़, जिन्हे आप अभी पढ़ना चाहेंगे
बीते हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ खास स्टोरीज़ हम आपके सामने संक्षेप में रख रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हे विस्तार में भी पढ़ सकते हैं।
कभी रेलवे में गैंगमैन रहे प्रह्लाद मीणा ने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर आईपीएस बनने का सफर बेखूबी तय किया। इसी के साथ आज जहां कोरोना वायरस ने देश की रफ्तार को थाम दिया है, वहीं डेली वेज वर्करों के लिए जीवनयापन मुश्किल हो गया है, ऐसे समय में इंडस्ट्री के दिग्गजों ने उनकी मदद करने की संभाल ली है। इसी तरह बीते हफ्ते ऐसी कई खास स्टोरीज़ हमने प्रकाशित कीं, जिन्हे आप संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
बीते हफ्ते प्रकाशित हुईं इन सभी स्टोरीज़ के साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप इन स्टोरीज़ को विस्तार में पढ़ सकते हैं।
देश को है स्वयंसेवी डॉक्टरों की तलाश
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में और मजबूती लाने के लिए सरकार ने देश के स्वयंसेवी डॉक्टरों की तलाश शुरू कर दी है। बीते बुधवार नीति आयोग ने बाकायदा अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी पोस्ट की है। सरकार इसके लिए सार्वजनिक उपक्रमों से जुड़े तथा निजी डॉक्टरों से इस मुहिम में साथ देने की अपील कर रही है।
नीति आयोग ने अपने वेबसाइट पर एक लिंक भी जारी किया है, जिसके जरिये ये डॉक्टर अपने आप को पंजीकृत कर सकते हैं। सरकार ने बाकायदा बयान जारी करते हुए कहा है,
“हम ऐसे डॉक्टरों से अपील करते हैं कि वे इस आवश्यकता की घड़ी में आगे आएं। बयान में कहा गया है कि आप एक सेवानिवृत्त सरकार, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या एक निजी डॉक्टर भी हो सकते हैं।”
इस संबंध में पूरी जानकारी आप इधर क्लिक कर पा सकते हैं।
गैंगमैन से आईपीएस तक का सफर
राजस्थान के छोटे गाँव से निकल कर पहले रेलवे में गैंगमैन और फिर सिविल सेवा तक का सफर तय करने वाले प्रहलाद मीणा की कहानी बेहद प्रेरक है। अपने बीते समय को याद करते हुए प्रहलाद बताते हैं कि किस तरह उनके माता-पिता घर चलाने के लिए साझे की खेती किया करते थे।
अपने शुरुआती सफर का जिक्र करते हुए प्रहलाद कहते हैं,
“निम्न वर्गीय परिवार की पृष्ठभूमि से होने को ध्यान में रखते हुए, मेरे लिए एक अच्छी नौकरी खोजना बहुत महत्वपूर्ण था। बारहवीं कक्षा में था तब हमारे गांव से एक लड़के का चयन भारतीय रेलवे में ग्रुप डी (गैंगमैन) में हुआ था तो उस समय मैंने भी अपना लक्ष्य गैंगमैन बनने का बना लिया और तैयारी करने लग गया।”
प्रहलाद ने 2016 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और उड़ीसा कैडर से आईपीएस बन गए। प्रहलाद मीणा की यह प्रेरणादाई कहानी आप इधर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
व्यक्तिगत हताशा ने दिया आइडिया
ध्रुव चड्ढा जब 15 साल के थे तब वो एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी थे, लेकिन बावजूद इसके वो फाइनल नहीं खेल सके, क्योंकि उनके पैर का साइज़ काफी बड़ा था और उस नाप के जूते नहीं मिल सके। ध्रुव की इस व्यक्तिगत हताशा ने ही आगे चलकर उन्हे जुपिटर शॉप शुरू करने के लिए प्रेरित किया। यह स्टार्टअप बड़े साइज़ के पैरों वाले लोगों को फैशनेबल जूते खोजने में उनकी मदद करता है।
गौरतलब है कि ध्रुव ने अपने इस उद्यम की शुरुआत बूटस्ट्रैप से की, जिसमें अब तक वो 60 लाख रुपये से अधिक राशि का निवेश कर चुके हैं। ध्रुव की यह रोचक और प्रेरणादायक कहानी आप इधर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
बन गई है कोरोना टेस्ट किट
भारत में कोरोना वायरस लगातार अपने पैर पसार रहा है और सरकार इसे रोकने को लेकर सख्त से सख्त कदम उठा रही है। अभी तक भारत में कोरोना वायरस से संबन्धित टेस्ट कम हो रहे थे, लेकिन पुणे की एक लैब ने देश को अच्छी खबर दी है। इस लैब ने कोरोना वायरस टेस्ट किट बना ली है और अब बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस टेस्ट किता का उत्पादन किया जाएगा।
इस किट के आम बाज़ार में आने के साथ एक लैब में हर दिन 1 हज़ार टेस्ट किए जा सकेंगे, जबकि इसके पहले ये लैब 100 टेस्ट करने में ही सक्षम थीं। इस बारे में विस्तृत जानकारी आप इधर पढ़ सकते हैं।
कर रहे अपनों की मदद
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए सरकार ने देश भर में लॉक डाउन घोषित कर दिया है, इस बीच डेली वेज वर्कर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। यह प्रभाव फिल्म इंडस्ट्री में भी देखने को मिला है, लेकिन बॉलीवुड दिग्गजों ने सराहनीय कदम उठाते हुए इंडस्ट्री के जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए बाकायदा एक पहल शुरू की है।
इस पहल में बॉलीवुड के निग्गज निर्माता, निर्देशक, अभिनेता और अभिनेत्री सभी अपने स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। भारत के अलावा अमेरिका में भी वहाँ के बड़े स्टार्स ने कोरोना से लड़ाई में अपना योगदान दिया है। इससे जुड़े जानकारी आप इधर पा सकते हैं।