'कजरे ने नहीं कचरे ने ले ली सबकी जान' बॉलिवुड गानों के जरिए लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित कर रहा यह सफाई कर्मचारी
आजकल महादेव जाधव चर्चा में हैं और इसकी वजह अपने काम के लिए उपयोग की गई कला है। वे गाने गाकर लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक करते हैं। महादेव जाधव पुणे नगर निगम (पीएमसी) में पिछले 25 सालों से काम कर रहे हैं। वे गानों के जरिए ही लोगों को स्वच्छता के साथ कचरा प्रबंधन के बारे में भी समझाते हैं।
गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल.... शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जिसने यह गाना ना सुना हो। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में रहने वाले पेशे से टीचर श्याम बैरागी का यह गाना इस कदर वायरल हुआ कि मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के बाकी उत्तरी राज्यों के नगर निगमों ने भी इसे अपनी धुन बना लिया। आलम ऐसा कि यह गाना लोगों की शादियों में भी यह सुनाई देता है। इस गाने का मकसद लोगों को कचरा इधर-उधर फेंकने की बजाय निगम की गाड़ी तक लाने के लिए जागरूक करना था।
अगर कला का उपयोग सामाजिक बदलावों के लिए किया जाए तो यह ज्यादा प्रभावशाली हो जाती है। पुणे नगर निगम (पीएमसी) में काम करने वाले सफाई कर्मचारी महादेव जाधव इस बात का एक अच्छा उदाहरण हैं।
आजकल महादेव जाधव चर्चा में हैं और इसकी वजह अपने काम के लिए उपयोग की गई कला है। वे गाने गाकर लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक करते हैं। महादेव जाधव पुणे नगर निगम (पीएमसी) में पिछले 25 सालों से काम कर रहे हैं। वे गानों के जरिए ही लोगों को स्वच्छता के साथ कचरा प्रबंधन के बारे में भी समझाते हैं।
काम करते हुए गाना गाने का उनका विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विडियो में वह साल 1968 में आई फिल्म किस्मत के मशहूर गाने कजरा मोहब्बत वाला की धुन पर गाना गा रहे हैं। उनके गाने के बोल कुछ इस तरह हैं, 'कचरा सूखा और गीला, सबने मिलाकर डाला।
कचरे ने ले ली सबकी जान, गौर से सुनिए मेहरबान।' आप भी सुनिए उनका गाना...
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जाधव कहते हैं,
'मुझसे गाने के लिए किसी ने नहीं कहा था। मैं इसलिए गाने गाता हूं ताकि अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकूं। लोग सूखा और गीला कचरा अलग-अलग रखने के लिए जागरूक हों। ऐसा इसलिए ताकि कचरा प्रबंधन की समस्या को सुलझाने के लोग और पुणे नगर निगम दोनों मिलकर काम कर सकें।'
महादेव जाधव ने स्वच्छता को लेकर कई और गाने भी बनाए हैं। वह कहते हैं अब लोगों में स्वच्छता तो लेकर बदलाव आना शुरू हुआ है। आधे से ज्यादा लोग अब नियमों के बारे में जानकारी रखते हैं। हालांकि अभी भी कुछ हैं जिन्हें और जागरूक करने की जरूरत है।
बात सिर्फ इतनी है कि लोग स्वच्छता के लिए जागरूक होने चाहिए फिर वे महादेव जाधव के 'कचरा सूखा और गीला' गाने से हों या फिर गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल से। ऐसे ही अपनी कला के जरिए समाज में कुरीतियां दूर करने वाले दो दोस्तों विनय कुमार और आशीष श्रीवास्तव की कहानी "नुक्कड़-नाटकों के जरिए समाज की कुरीतियां दूर करने में जुटे दो दोस्त" से हमने आपको रूबरू कराया था।
विनय कुमार और आशीष श्रीवास्तव की कहानी नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों के बीच अलग-अलग सामाजिक कुरीतियों को लेकर जागरूकता फैलाने के बारे में है। इस कहानी को राहुल गांधी ने भी अपने ऑफिसियल फेसबुक अकाउंट से शेयर किया था।
राहुल गांधी की पोस्ट