मिलें कोरोना पेंडेमिक पर दुनिया का पहला उपन्यास लिखने वाले 18 वर्षीय इंटरनेशनल यूथ मेंटर यश तिवारी से
इंटरनेशनल यूथ मेंटर और युवा लेखक यश तिवारी ने सिर्फ 22 दिनों के रिकॉर्ड समय के भीतर कोरोना काल में लिखा जाने वाला दुनिया का पहला उपन्यास "PANDEMIC 2020 - Rife Of The Virus" लिखा है।
Ranjana Tripathi
Monday September 14, 2020 , 5 min Read
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के रहने वाले 18 साल के यश तिवारी अब तक 4 टेड टॉक्स और एक जोश टॉक कर चुके हैं। वे एक अंतर्राष्ट्रीय युवा लेखक है, दो पुस्तकों के पुरस्कार विजेता भी हैं। अपने समीक्षकों द्वारा प्रशंसित डेब्यू नॉवेल "A Celebration In Tribulation" उन्होंने महज 16 साल की उम्र में लिखा था।
यश ने हाल ही में चल रही कोरोना वायरस महामारी पर "PANDEMIC 2020 - Rife Of The Virus" शीर्षक से एक उपन्यास लिखा है, जिसे कोरोना काल में लिखा जाने वाला दुनिया का पहला काल्पनिक उपन्यास कहा जा रहा है।
कौन हैं यश तिवारी
यंग पब्लिक स्पीकर और यूथ मेंटर के रूप में, यश तिवारी को अक्सर विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, साहित्य समारोहों, कार्यक्रमों और सेमिनारों में बातचीत और सत्र देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने दुनिया भर में उत्तेजक सत्र दिए हैं, जिनमें से कुछ नाइजीरिया, कैमरून, कनाडा, घाना, न्यूयॉर्क शहर (वेबिनार), आदि जैसे क्षेत्रों में थे। यश ने 18 साल की उम्र तक TEDx के विश्व-प्रसिद्ध मंच पर कई टेड टॉक्स डिलिवर किए हैं। उन्होंने एक जोश टॉक भी किया है, जिसे बेहद कम समय में 300 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है।
वह MyCaptain जो कि TheClimbers और IIM Bangalore इनक्यूबेटेड और संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त कंपनी है, में वह युवाओं (यहां तक कि सिविल इंजीनियरों, मेडिकल छात्रों, शिक्षाविदों, पेशेवरों, आदि) को जीवन के सभी क्षेत्रों से सिखाते हैं।
उन्हें "द इंडियन आवाज़ द्वारा भारत के शीर्ष 100 प्रेरक लेखक" और NE8x द्वारा "ऑथर ऑफ द ईयर" पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईसीएमडीआर द्वारा "बेस्ट डेब्यू ऑथर" पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है। इसके अलावा यश को संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से iCOGNO द्वारा TCC REX कर्मवीर चक्र पुरस्कार और ग्लोबल यंग लीडर फेलोशिप से भी सम्मानित किया गया है।
उम्र महज एक नंबर है
इतनी कम उम्र में इस तरह का नॉवेल लिखने के बारे में पुछे जाने पर यश कहते हैं, "मैंने कभी अपनी उम्र को इसके लिए मानक नहीं समझा कि मैं 16 या 18 साल में कोई नॉवेल नहीं लिख सकता या फिर मैं इस उम्र में इंटरनेशनल यूथ स्पीकर नहीं बन सकता। मैंने कभी इस सोच से काम नहीं किया। अगर आप अपनी जिंदगी में किसी काम को पूरी लगन, चाह, मेहनत, दृढ़ संकल्प से करना चाहते हैं तो ऐसे में उम्र बिलकुल भी मायने नहीं रखती है।"
यश ने इस उम्र में इंटरनेशनल युथ मेंटर होने के बारे में अपनी सोच बताते हुए कहा, "मैं जब लोगों को संबोधित करता हूँ तो कई बार उनमें से कई लोग मुझसे 4 गुना बड़ी उम्र के होते हैं, ऐसे में मैं अपनी और उनकी उम्र को नहीं देखता कि वो मुझसे इतने बड़े हैं। क्योंकि मेरा हमेशा ही मानना रहा है कि उम्र महज एक नंबर है।"
क्या है नॉवेल की कहानी
जिस तरह से कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी ने दुनिया भर में हर किसी के जीवन को बदल दिया है, यश का नॉवेल उसी पर एक कटाक्ष देता है। कहानी विश्व स्तर पर एक-दूसरे से हुई है, जो कोरोना वायरस के प्रकोप की गंभीरता का सामना कर रहे पात्रों के माध्यम से दुनिया भर के प्रमुख रूप से प्रभावित क्षेत्रों को सम्मोहित करती है।
उनके दूसरे उपन्यास की कहानी के बारे में पूछे जाने पर, युवा लेखक यश तिवारी ने बताया, "PANDEMIC 2020 - Rife Of The Virus" के जरिए सरकारी निकायों, डॉक्टरों, मीडिया, हेल्थकेयर श्रमिकों, सीमावर्ती श्रमिकों और कोविड-19 के सभी योद्धाओं के साथ, कई अन्य पहलुओं को उजागर किया है।
यश ने नॉवेल में बताया है कि वैश्विक महामारी के दौर में मीडिया और समाचारों के प्लेटफ़ॉर्म कितने महत्वपूर्ण हैं, ऐसी भयावह स्थितियों में चिकित्साकर्मी किस तरह से अपने जीवन का बलिदान करते हैं, इस तरह की बीमारी से गरीब लोग कैसे पीड़ित होते हैं, और कैसे फंसे हुए यात्री अभी प्रकोप के चंगुल से बच नहीं पा रहे हैं।
यश तिवारी ने योरस्टोरी के साथ बातचीत में एक्सक्लुजिव अनाउंसमेंट करते हुए बताया कि उन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा कोरोनावायरस आउटब्रेक पर किताब लिखने के लिए यंगेस्ट फिक्सनिस्ट नॉवलिस्ट का अवार्ड भी दिया गया है।
यहाँ देखिये पूरा इंटरव्यू
22 दिन में लिखा उपन्यास
इंटरनेशनल युथ मेंटर और युवा लेखक यश तिवारी ने सिर्फ 22 दिनों के रिकॉर्ड समय के भीतर "PANDEMIC 2020 - Rife Of The Virus" उपन्यास लिखा है।
यश ने इतने कम समय में इसे लिखने के बारे में बात करते हुए बताया,
"मैं जब भी किसी कहानी को लिखने बैठता हूँ तो दुनिया की सुध-बुध का ख्याल नहीं रखता, मै सब कुछ भूलकर उस कहानी और उसके पात्रों पर ध्यान केंद्रित करता हूँ। मैं कहानी के क्लाइमैक्स पर ध्यान देता हूँ जिसकी तरफ मैं हर सैंकड बढ़ रहा होता हूँ।"
वे आगे कहते हैं, "इसके लिए बस आपको अपनी मेहनत, लगन, दृढ़ संकल्प को जारी रखना है और बस लगातार लिखते रहना है।"
यश ने अपना पहला नॉवेल "A Celebration In Tribulation" भी एक महीने के भीतर ही लिखा था, उस समय वे 16 साल के थे।
आपको बता दें कि इस उपन्यास को ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर द्वारा डिजिटल रूप से लॉन्च किया गया है, और यह ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर दुनिया भर में उपलब्ध है।
यश बताते हैं कि जहाँ दुनियाभर के माता पिता अपने बच्चों को बोर्ड परीक्षाओं में अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहते हैं, मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा मेरे काम में सपोर्ट किया। मेरे माता-पिता ने मुझे किताब लिखने या टॉक शॉज के वर्कशॉप्स लेने में एनक्रेज किया।