‘अपने बारे में क्या बोले रणदीप हुड्डा’! पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़
यहाँ हम इस हफ्ते प्रकाशित हुईं टॉप स्टोरीज़ को आपके सामने संक्षेप में पेश कर रहे हैं।

पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़
इस हफ्ते प्रकाशित हुई टॉप स्टोरीज़ में पढ़ें रणदीप हुड्डा के साथ हुई योरस्टोरी की सीईओ श्रद्धा शर्मा की बातचीत, इसी के साथ मिलें जाने-माने रंगकर्मी संदीप शिखर से। साथ ही हम आपको रूबरू कराएंगे ऐसे कुछ खास स्टार्टअप से जो इस समय बड़े बदलाव और नए विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
यहाँ हम आपके सामने इस हफ्ते प्रकाशित हुईं उन टॉप स्टोरीज़ को संक्षेप में पेश कर रहे सकते हैं, लेकिन इनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप इन सभी स्टोरीज़ को विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
मिलें रणदीप हुड्डा से

रणदीप हुड्डा, अभिनेता
अपने यादगार किरदारों के साथ स्क्रीन पर एक अलग चमक बिखेरने वाले अभिनेता रणदीप हुड्डा ने हाल ही में योरस्टोरी की सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ सीधी बातचीत की, जिसमें उन्होने बताया कि आज हर कोई शाहरुख खानया सलमान खान बनना चाहता है, लेकिन वो क्यों शुरुआत से ही रणदीप हुड्डा ही बनना चाहते थे।
नॉन-फिल्मी बैकगग्राउंड से आते हुए रणदीप ने खुद के लिए इंडस्ट्री में एक मजबूत जगह बनाई है, मॉनसून वेडिंग से शुरुआत करते हुए रणदीप ने हाइवे और सरबजीत जैसी बेहतरीन फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है। रणदीप का यह पूरा इंटरव्यू आप इधर पढ़ सकते हैं।
‘अनुभव लें और आगे बढ़ें’

संदीप शिखर, रंगकर्मी
संदीप शिखर थिएटर की दुनिया में दो दशक से अधिक समय से सक्रिय हैं। संदीप ने रंगमंच की दुनिया में अपनी शुरुआत साल 1992-93 में दस्तक सांस्कृतिक मंच से के साथ की थी, इसी के साथ संदीप ने दिल्ली के श्रीराम सेंटर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स में भी रंगमंच करते रहे हैं।
‘कौमुदी’, ‘मुक्तिधाम’, ‘मैं हूँ युसुफ’ और ‘ये है मेरा भाई’ जैसे नाटकों के जरिये संदीप ने अपनी कला का हुनर लोगों के सामने पेश किया, लेकिन ‘थूक’ और ‘ट्रेडमिल’ जैसे नाटकों ने संदीप को बड़ी पहचान दिलाई। संदीप ने हाल ही में आई वेब सिरीज़ पंचायत में भी अभिनय किया था, साथ ही वो एक आर्ट कम्यूनिटी 'अंजुमन' के सह-संस्थापक भी हैं, जो युवा कवियों और लेखकों को उनकी प्रतिभा को पेश करने के लिए मंच उपलब्ध कराती है। योरस्टोरी हिन्दी की एडिटर रंजना त्रिपाठी के साथ संदीप का यह इंटरव्यू आप इधर पढ़ सकते हैं।
द मेसी कार्नर
द मेसी कॉर्नर के संस्थापक भाई-बहन आयुष और आंचल पोद्दार
घर के एक खाली कमरे से भाई-बहन की इस जोड़ी ने अपने ईकॉमर्स स्टार्टअप द मेसी कार्नर की शुरुआत की थी, आज यह स्टार्टअप पर्सनलाइज़्ड गिफ्ट और स्टाइलिश, अच्छी गुणवत्ता और सस्ती एसेसरीज़ को लोगों तक पहुँचाने का काम कर रहा है। खास बात यह है कि स्टार्टअप ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करते हुए समय के अनुसार कुछ खास प्रॉडक्ट को भेज लोगों तक पहुंचाना शुरू किया है।
स्टार्टअप के बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं। कंपनी का दावा है कि उसके पास एक लाख से अधिक का यूजर बेस है और इस साल कंपनी ने 10 से 20 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है।
पढ़ाई 'STEM' की

स्टेमपीडिया टीम
कोरोना वायरस महामारी के साथ दुनिया भर में छात्र आज डिजिटल शिक्षा की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं, इस बड़े बदलाव ने एडटेक स्टार्टअप्स के लिए अवसरों के कई द्वार खोले हैं। इसी मौके को तेजी से भुनाने और शिक्षा को लेकर बड़े बदलाव की चाह को लेकर स्टार्टअप स्टेमपीडिया भी आगे बढ़ रहा है।
स्टेमपीडिया का मुख्य उद्देश्य छात्रों को STEM (साइंस, टेक्नालजी, इंजीनियरिंग और मैथ) को लेकर छात्रों के भीतर जागरूकता को अधिक से अधिक बढ़ाना है। स्टार्टअप आज भारत समेत दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिती दर्ज़ करा रहा है, जिसमें एक लाख से अधिक छात्र इसकी सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। आप इस स्टार्टअप के बारे में इधर पढ़ सकते हैं।
घर पहुंचेगी ताजी सब्जी

फ्राज़ो टीम
आपको अगर आपके घर पर ताजी सब्जियाँ मिल जाएँ तो उसकी बात ही कुछ और है और इसी काम की ज़िम्मेदारी एग्रीटेक स्टार्टअप फ्राज़ो ने उठाई है। स्टार्टअप की टीम आज मुंबई और पुणे के 2 लाख से अधिक घरों में ऑर्डर पहुंचाने का दावा करती है, इसके लिए स्टार्टअप अपने हाइपरलोकल मॉडल और ऑनलाइन स्टोर की मदद लेता है।
इस स्टार्टअप के बारे में आप इधर पढ़ सकते हैं। स्टार्टअप आने वाले समय में मुंबई और पुणे शहरों में 10 लाख से अधिक परिवारों की सेवा करना चाहता है, इसी के साथ स्टार्टअप ने 10 हज़ार किसानों के लिए बाज़ार उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य रखा है।