बीते हफ्ते प्रकाशित हुईं कुछ बेहद खास कहानियाँ जिन्हे आप कतई मिस नहीं करना चाहेंगे
बीते हफ्ते प्रकाशित हुईं कुछ कहानियाँ आप मिस नहीं करना चाहेंगे। ये सभी कहानियाँ बेहद खास हैं।
रेड चीफ ब्रांड से आप खूब परिचित होंगे, लेकिन इस बड़े से ब्रांड के पीछे की रोचक कहानी क्या है, ये शायद ही आपको मालूम हो। इसी के साथ एक ऐसे शख्स की कहानी जिसने सेक्स वर्कर्स के बच्चों की जिंदगी सँवारने के लिए अपने पूरे जीवन को निस्वार्थ भाव से समर्पित कर दिया, ऐसी ही कुछ खास कहानियाँ हैं जो बीते हफ्ते हमने प्रकाशित की।
यहाँ नीचे हम आपको इन महत्वपूर्ण कहानियों को संक्षेप में आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन कहानियों को विस्तार से पढ़ सकते हैं।
कैसे खड़ा हुआ रेड चीफ ब्रांड?
रेड चीफ जूता किसे पसंद नहीं होगा, लेकिन क्या आपको इसकी कहानी पता है, कैसे कानपुर से शुरू हुआ यह ब्रांड आज 325 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नोवर वाला ब्रांड बन गया है। अपनी क्वालिटी से समझौता न करने वाले इस ब्रांड को शुरू करने वाले उद्यमी मनोज ज्ञानचंदानी कहते हैं,
“कई ब्रांड तेजी से कमाने के लिए क्वालिटी से समझौता करने की गलती करते हैं। हालांकि ब्रांडों द्वारा इस तरह का दृष्टिकोण हमारे लिए एक चुनौती है, लेकिन एक अत्यधिक उपभोक्ता-केंद्रित ब्रांड होने के नाते, क्वालिटी हमारे लिए सबसे आगे है।”
आज रेड चीफअपनी क्वालिटी और स्टाइल के चलते युवाओं का चहेता लेदर शू ब्रांड बन गया है। रेड चीफ की यह खास कहानी आप इधर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
बनाई 150 करोड़ की कंपनी
बचपन से ही इन्हे इलेक्ट्रिक उपकरणों से प्यार था और इसी प्यार के चलते आगे चलकर उन्होने 150 करोड़ रुपये की कंपनी की स्थापना की, जो पैनल और स्विचबोर्ड का निर्माण करती है। यह कहानी है प्रशांत श्रीवास्तव की, जिन्होने पहले इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ते गए।
योरस्टोरी से हुई बात में उन्होने बताया,
“2002 में, मैंने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास में उछाल के कारण बिजली के पैनल और स्विचबोर्ड की भारी मांग देखी। मुझे लगा कि नोएडा पुणे से बेहतर मार्केट होगी। इसलिए, मैं वहां गया और बिजली के पैनल के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग युनिट स्थापित की। यह पूरी तरह से सेल्फ-फंडेंड थी।”
प्रशांत की यह कहानी आप इधर पढ़ सकते हैं। आज प्रशांत की कंपनी नित्या इलेक्ट्रोकंट्रोल्स में लगभग 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं, कंपनी अपने उत्पादों को बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों में निर्यात भी करती है।
बदली सेक्स वर्कर्स के बच्चों की जिंदगी
रामभाऊ इंगोले ने जब नागपुर के सेक्स वर्कर्स के बच्चों का जीवन सँवारने की ठानी तब उन्हे अपने ही घर से बेदखल कर दिया गया, लेकिन यह रामभाऊ के दृण संकल्प ही था कि उन्होने कभी हार नही मानी। उनकी इस मुहिम में उनके कई दोस्तों और परिचितों ने भी निस्वार्थ भाव से साथ दिया।
अपने कठिन समय को याद करते वह कहते हैं,
“मन में सवाल आता था कि क्या हम उन बच्चों को वापस वहीं छोड़ आयें जहां से वो आए हैं, लेकिन फिर दूसरा सवाल यह आता था कि उन बच्चों ने तो हमसे नहीं कहा था कि हम उन्हे वहाँ से बाहर निकालें। उन बच्चों को एक बेहतर परिवेश मिला और अब अगर हम उन्हे फिर से वापस वहीं छोड़ आते हैं, तो यह उनके साथ अन्याय ही हुआ।”
रामभाऊ ने नागपुर में एक रेजीडेंशियल स्कूल की स्थापना की, जिसमें सेक्स वर्कर्स और स्लम के करीब 250 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। रामभाऊ की यह प्रेरणादाई कहानी आप इधर पढ़ सकते हैं।
कैसे बनाएँ रिटायरमेंट प्लान?
हम सभी अपने रिटायरमेंट को लेकर प्लान करते हैं और उसके अनुसार आगे बढ़ते हैं, लेकिन क्या आने वाले 25-30 सालों में आपका प्लान उस समय की महंगाई के अनुसार सही बैठेगा? ऐसा जरूरी नहीं है। इसी के साथ यदि आप अपने रिटायरमेंट तक 1 करोड़ से अधिक की बचत करना चाहते हैं, तो आपको बस थोड़ा सा जागरूक होना होगा।
रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए आपके पास पर्याप्त मात्रा में धन हो, इसके लिए जरूरी प्लान का होना आवश्यक है, लेकिन यह कैसे हो। इसके बारे में आप इधर पढ़ सकते हैं।
कोरोनावायरस से कैसे बचें?
कोरोना वायरस के चलते इस समय लगभग पूरे विश्व के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं। चीन समेत दुनिया के तमाम देशों में कोरोना वायरस से जुड़े मामलों की पुष्टि हुई है, लेकिन चीन में यह एक महामारी की तरह है। भारत में कोरोना वायरस के मामले जरूर सामने आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उन्हे लेकर पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए आपको बस कुछ ऐतिहात बरतने होंगे और कुछ मिथकों से भी दूरी बनानी होगी। ये सब आप इधर पढ़ सकते हैं। लगातार बढ़ रहे इस वायरस के प्रति जागरूकता आपकी दिनचर्या को आसान बनाने में आपकी मदद करेगी।